लखनऊ: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल होने के बाद रविवार को दावा किया कि समाजवादी पार्टी (सपा) का किसी के साथ गठबंधन टिक नहीं सकता है और अभी बहुत से लोग सपा छोड़कर राजग में शामिल होंगे। लखनऊ में जारी एक बयान में सुभासपा अध्यक्ष ने कहा कि सपा का किसी से गठबंधन टिक ही नहीं सकता है। कांग्रेस और बसपा के साथ ही सुभासपा के साथ हुए सपा के गठबंधन से समाजवादी पार्टी को कोई भी लाभ नहीं हुआ अब देखना होगा कि अखिलेश यादव 2024 के लिए क्या तैयारी करते हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा से सपा का रहा गठबंधन
वहीं ओमप्रकाश राजभर पूर्व गठबंधन का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव की स्थिति नवासा (ससुराल की संपत्ति) पाने वाले व्यक्ति जैसी हो गई है, जो चाहता है कि गांव में सब कुछ उसी के पास रहे। सपा ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से और वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा से गठबंधन किया था, लेकिन यह ज्यादा देर तक टिक नहीं पाया।
2022 विधानसभा चुनाव में सुभासपा से समाजवादी पार्टी का गठबंधन
ओमप्रकाश राजभर ने वर्ष 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा और राज्य की 403 सीट में से छह सीट पर उनके समेत सुभासपा के उम्मीदवार विजयी हुए। राजभर चुनाव में अपेक्षित परिणाम नहीं मिलने के बाद सपा गठबंधन से अलग हो गये। राजभर ने कहा कि सामाजिक न्याय, देश की रक्षा-सुरक्षा और सुशासन के साथ-साथ वंचितों, शोषितों, पिछड़ों, दलितों, महिलाओं, किसानों, नौजवानों और हर कमजोर वर्ग को सशक्त बनाने के लिए भाजपा और सुभासपा मिलकर 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगे।
2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के सहयोगी रह चुके राजभर ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह से शनिवार को हुई मुलाकात में दोनों दलों के बीच कई मुद्दों पर सहमति बनी है और अब उप्र में सभी 80 सीट पर राजग की जीत तय है। भाजपा की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष में अहम (अहंकार) है, सभी खुद को बड़ा मानते हैं। इन दलों को भाजपा से सीखना चाहिए कि कैसे छोटे-छोटे दलों को जोड़कर सत्ता हासिल की जाती है।
सुभासपा प्रमुख ने कहा कि 18 जुलाई को दिल्ली में राजग की बैठक में तय होगा कि रैलियां कैसे होंगी और सीट का बंटवारा कैसे होगा। दारा सिंह चौहान के भाजपा में आने के मामले पर राजभर ने कहा कि धर्म सिंह सैनी (योगी आदित्यनाथ की पिछली सरकार के मंत्री जो सपा में चले गये थे) को भी जल्द आपके सामने लाऊंगा। समाजवादी पार्टी के विधायक दारा सिंह चौहान ने शनिवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद सपा ने इसे ‘भितरघात’ और भरोसे का संकट करार दिया। मऊ जिले के घोसी से विधायक चौहान ने विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पिछली सरकार से मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद चौहान पिछले साल जनवरी में सपा में शामिल हुए थे। राजभर ने दोहराया कि सुभासपा और भाजपा का गठबंधन होने से राजग को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और हमारे समाज के सामाजिक संगठनों की हमेशा से कोशिश रही है कि भर/राजभर जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल कराया जाए और सुभासपा इस कार्य को पूरा करने के लिए कटिबद्ध है।