नूंह जिले के नगीना खंड के रानीका गांव में जहरीला भोजन खाने से एक परिवार के 12 लोगों के बीमार होने का मामला सामने आया है। इनमें से आठ वर्षीय बच्चे रोमान की नलहड़ मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत भी हो गई है, जबकि अन्य 11 लोगों की में से कुछ की नलहड़ मेडिकल कॉलेज में चल रहा है।
कुछ बच्चों की गंभीर हालत को देखते हुए मेडिकल कॉलेज से दिल्ली रेफर कर दिया गया है। छह लोग आईसीयू में भर्ती हैं, जो जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं।
घटना की सूचना मिलने पर कॉलेज के गांव के लोगों के साथ ही परिजनों की भारी भीड़ लग गई, जिसे देखते हुए डॉक्टरों को दरवाजे तक बंद करने पड़े। जानकारी के अनुसार, नगीना खंड के गांव रानीका में शनिवार को करीब चार बजे सेवई बनाई गई थी। परिवार के सदस्यों ने सेवईयों को खाया।
सेवई खाने के बाद रोमान और सना को आधे घंटे बाद उल्टी और दस्त होने लगे और वो बेहोश हो गई। इसके बाद घर के बड़े लोगों को भी धीरे-धीरे करके सिर दर्द व पेट दर्द होने लगा। हालत खराब होने पर सदस्यों को गांव रानीका के ही डॉक्टर के पास दवा लेने के लिए भेजा गया, लेकिन उससे पहले ही सभी की हालत ज्यादा गंभीर होने लगी।
करीब किलोमीटर दूर अल आफिया मांडीखेड़ा अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया। जहां से उन्हें मेडिकल कॉलेज नलहड़ रेफर कर दिया गया। मेडिकल कॉलेज डाक्टरों ने रोमान को मृत घोषित कर दिया। जबकि बीमार लोगों में रुखसाना(38), सना(8), अबूजर(10), मुकीम(28), जैद(16), शोएब(12), असद(8), जरीना(60), उजमा(22), बसमीना(26), जारा(1) शामिल हैं।
सेवईयां जहरीला कैसे हो गई, इसको लेकर फिलहाल जानकारी नहीं मिल पाई है। गांव रानीका के मोहम्मद हबीब व ओम प्रकाश एडवोकेट सहित गांव के लोगों का कहना है कि हो सकता है कि भोजन पकाते वक्त कोई जहरीला जीव सेवई में गिर गया हो।
वहीं, डॉक्टरों द्वारा मामले की गहराई से जांच की जा रही है। डाक्टरों ने खून और खाने के नमूने लिए हैं। जल्दी ही पता चल जाएगा कि सेवईयों में दिक्कत थी या कोई और कारण रहा है। अभी तक स्वजन द्वारा किसी को कोई शिकायत नहीं दी गई है।