भोपाल में एक साथ विश्वकर्मा परिवार के 4 लोगों के सुसाइड के बाद मृतक के गांव अंबा में मातम छा गया। पति पत्नी सहित दो बच्चों के शव घर पहुंचने के बाद गांव में जैसे सन्नाटा पसर गया हो। इस दुखद घटना से नाराज परिवार के साथ ग्रामीणों शव का अंतिम संस्कार करने के बजाय शव को चोरहटा थाना क्षेत्र अंतर्गत किटवरिया बायपास पर रखकर जाम लगा दिया। परिवार की मांग है कि इस मामले की सीबीआई जांच की जाए साथ ही परिवार की आर्थिक मदद की जाए।
भोपाल के रातीबड़ में रीवा के चोरहटा थाना क्षेत्र अंतर्गत अंबा गांव के रहने वाले भूपेंद्र विश्वकर्मा ने गुरुवार को अपनी पत्नी और अपने दोनों बच्चों के साथ सुसाइड कर लिया था। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि दंपति ने पहले बच्चों को जहर दिया और फिर फांसी लगाकर जान दे दी। सुसाइड नोट में कर्ज के जाल में फंसने का जिक्र किया गया था। बताया जा रहा है कि परिवार ने कर्ज से परेशान होकर ऐसा आत्मघाती कदम उठाया है। गुरुवार-शुक्रवार की रात परिजन चारों के शव लोकर अंबा गांव पहुंचे जैसे ही चारों के शव गांव पहुंचे। गांव में मातम सा छा गया।
शुक्रवार को परिजनों ने आर्थिक मदद और सीबीआई जांच की मांग को लेकर चारों के शव किटवरिया बायपास पर सड़क पर रखकर जाम लगाकर धरने पर बैठ गए। जाम अंतिम संस्कार के लिए शमशान घाट के लिए रवाना हुए, लेकिन चौहटा से रतहरा जाने वाली सड़क पर परिजन शव लेकर बैठ गए। इस दौरान बायपास में वाहनों की लंबी कतार लगी है। मृतक के परिजनों का आरोप है कि यह सुसाइड नहीं हत्या है। इस मामले की सीबीआई जांच कराकर दोषियों को सजा दी जाए। साथ ही परिवार को एक करोड़ की आर्थिक मदद के साथ ही परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।