बेगूसराय पुलिस ने मटिहानी थाना क्षेत्र के 15 वर्षीय किशोर सूरज हत्याकांड का 48 घंटे में खुलासा हो गया है। प्रेमिका के पिता ने सूरज की हत्या के लिए उसके दोस्त रोहित को मोहरा बनाया था। रोहित के पिता को इसके लिए तीन लाख रुपये सुपारी दी गई थी।
पुलिस के मुताबिक, दोस्त ने ही फोनकर सूरज को बांध पर बुलाया। जब वह मौके पर पहुंचा तो उसे बेरहमी से मार डाला। हत्या से पहले सूरज के साथ क्रूरता की सारी हदें लांघी दी गई। स्वजन शराब, स्मैक समेत अन्य नशा कराने और हत्या के पहले गुप्तांग तक काटे जाने की बात बता रहे हैं। इधर सूरज के शव बरामदगी के 30 घंटे बाद भी पोस्टमार्टम नहीं हो सका है।
मुख्य आरोपी समेत 5 गिरफ्तार
एसपी योगेंद्र कुमार ने बुधवार बताया कि पुलिस टीम को हत्या में प्रयुक्त रस्सी, शव ठिकाने लगाने में प्रयोग की गई कार और मृतक का मोबाइल व गमछा समेत अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं। भागलपुर से एफएसएल टीम ने घटनास्थल से अन्य साक्ष्य जमा किए हैं।
पुलिस ने प्रेमिका के पिता अमित कुमार, सिहमा निवासी रामाधार सिंह और उसके बेटे रोहित कुमार, कार मालिक रिफाइनरी ओपी क्षेत्र के मकरदही निवासी मंटून कुमार, कार चालक सिंघौल ओपी क्षेत्र के मनोज महतो को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।
सूरज की कॉल डीटेल के आधार पर पकड़ाया रोहित
एसपी ने बताया कि पांच दिन से लापता सूरज की कॉल डिटेल के आधार पर उलाव स्थित चिमनी के पास से रोहित को पकड़ा गया। सख्ती से पूछताछ करने और उसकी निशानदेही पर शव बरामद करते हुए हत्या में संलिप्त चार अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार अभियुक्तों ने हत्या और शव ठिकाने लगाने में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है।
प्रतिशोध की आग में जल रहा था प्रेमिका का पिता
अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया है कि कुछ महीने पहले सूरज द्वारा गांव के ही अमित कुमार की बेटी को भगाने के प्रतिशोध में प्रेमिका के पिता अमित कुमार ने हत्या की साजिश रची थी। प्रेमिका के पिता ने सूरज को घर से बुलाने और हत्या में सहयोगी बनाने के लिए रोहित के पिता रामाधार सिंह को तीन लाख रुपया सुपारी दी थी।
शव ठिकाना लगाने में प्रयुक्त कार भी संदिग्ध पाई गई है। कार पर पुलिस और आर्मी का स्टीकर लगा है। आशंका है कि बरामद कार अन्य अवैध धंधे में प्रयुक्त की जाती रही है।
24 घंटे बाद दरभंगा से लौटा शव
शव बरामदगी के 30 घंटे बाद तक सूरज के शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया जा सका है। मटिहानी पुलिस ने स-गला शव देखकर पोस्टमार्टम के लिए सीधे दरभंगा डीएमसीएच भेज दिया। हालांकि न्यायालय की अनुमति पत्र के अभाव और सदर अस्पताल से रेफर न कराए जाने के कारण शव को बिना पोस्टमार्टम कराए लौटा दिया गया।
शव को लौटाए जाने को लेकर मृतक के स्वजनों ने सदर अस्पताल में पुलिस कार्यशैली के विरोध में आक्रोश भी व्यक्त किया। सदर अस्पताल के चिकित्सकों और पुलिस ने बुधवार को सभी कागजी औपचारिकता पूरा करते हुए शव को दुबारा पोस्टमार्टम के लिए दरभंगा डीएमसीएच भेजा है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी कई अन्य खुलासे होने के कयास लगाए जा रहे हैं। रिपोर्ट में हत्या के तौर तरीकों व शरीर में मिले जहरीले तत्वों की पहचान हो सकेगी।
एफएसएल टीम ने जुटाए साक्ष्य
15 वर्षीय सूरज कुमार की हत्या मामले में तकनीकी जांच पड़ताल के लिए भागलपुर से एफएसएल टीम को बुलाया गया है। बुधवार दोपहर बाद चार सदस्यीय जांच टीम मटिहानी थाना पहुंची और जब्त वाहन के सीट पर लगे खून के धब्बे, फिंगर प्रिंट समेत अन्य साक्ष्य जुटाए हैं।
मटिहानी पुलिस द्वारा घटनास्थल से बरामद गमछी, रस्सी, टूटा मोबाइल एफएसएल टीम को सौंपा गया है। मटिहानी थाना के बाद एफएसएल टीम घटनास्थल पहुंची और वहां से भी खून के धब्बे, मिट्टी के नमूने जमा किया गया। एसपी योगेंद्र कुमार ने बताया कि हत्या में गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य मिल रहे हैं।