खरगोन की एक तस्वीर आपको याद होगी, जब दंगे के बाद कई पीड़ित परिवारों ने अपने घरों पर लिखा था, कि ये घर बिकाऊ है। क्योंकि वो लोग दंगे से परेशान हो चुके थे। लेकिन अब एक तस्वीर देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर से सामने आई है। जहां नशाखोरी से परेशान मकान मालिकों ने अपने घर के बाहर लिख दिया, हमारा घर बिकाऊ है, ये लोग अब पलायन करने के लिए मजबूर हैं, और लगभग 25 परिवार के लोग हैं। जिनका कहना है, हमें पलायन के लिए मजबूर किया जा रहा है। पूरा मामला इंदौर के राजेंद्र नगर थाना क्षेत्र के ट्रेजर टाउन कॉलोनी के ईडब्ल्यूएस टॉवर का है। घर के बाहर लगे पोस्टरों में साफ लिखा है, कि मेरा घर बिकाऊ है क्योंकि हमें पलायन के लिए मजबूर किया जा रहा है। खराब कानून व्यवस्था, लॉ एंड ऑर्डर, बिल्डर की उदासीनता और तानाशाही, मॉब लिंचिंग की धमकी देना कोई सुनवाई ना होना, पुलिस की पेट्रोलिंग शून्य होना, चारों तरफ गंदगी और क्राइम का होना, अवैध किरायेदारों का अराजकता फैलाना,नशाखोरी आवारागर्दी गाली गलौज अश्लीलता चरम पर होना,मौलिक अधिकारों का रोज हनन होना, मारपीट खुलेआम गुंडागर्दी, धार्मिक उन्माद फैलाना दंगे फसाद की बातें करना कोई अच्छे काम ना होने देना, जिसके कारण पलायन करने के लिए हम मजबूर हैं।
घबराई छात्राओं ने क्या कहा?
स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा ने बताया, कि घर से बाहर निकलने पर डर लगता है। स्कूल जाते समय आवारा लड़के सीटी बजाते हैं। गाना गाते हैं आते जाते छेड़खानी का शिकार होना पड़ता है। अब तो स्कूल जाने में भी डर लगता है।
डरी घबराई महिलाओं ने सुनाई आपबीती…
बदमाश खुलेआम गांजा और चरस बेचते हैं। घर से निकलने में डर लगता है। ना हम सुरक्षित है ना हमारी बच्चियां सुरक्षित हैं। और हमारी इस दर्द को सुनने वाला कोई नहीं है। पुलिस अगर एक्शन लेती तो शायद ये हालात नहीं बनते। रात को लाइट बंद कर देते हैं। कैमरे तोड़ देते हैं। और महिलाओं को देखकर अश्लील हरकतें करते हैं। पुलिस को कई बार शिकायत की थी लेकिन नहीं हुई सुनवाई। दहशत के खौफ में रोज जीने से अच्छा है कि अपना मकान छोड़कर कहीं और जाकर किराए पर रह लें। क्योंकि हमारी बच्चियां अब बड़ी हो रही हैं। हमें घर में अकेले रहने में डर लगता है।
फेल होते दिख रहे सबसे स्वच्छ शहर होने के दावे…
ये हाल उस शहर का है जहां पुलिस कमिश्नरी लागू है मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी है। इस शहर में एक पुलिस कमिश्नर दो एडिशनल पुलिस कमिश्नर आधा दर्जन से अधिक डीसीपी एक दर्जन से अधिक एडिशनल डीसीपी एक दर्जन से अधिक एसीपी दो दर्जन से अधिक थाना प्रभारी के हाथो में लायन आर्डर की कमान हैं। देश का सबसे स्वच्छ शहर को सबसे सुरक्षित शहर होने का पुलिस कमिश्नरी दावे करती है। लेकिन ये तस्वीर इंदौर की पुलिस कमिश्नर पर कई सवाल उठा रही है। जनप्रतिनिधियों की बात करें तो बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन भी इसी शहर में रहते हैं और सबसे खास बात है मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा इंदौर के ही प्रभारी मंत्री हैं।
अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस के दिन नशा मुक्ति अभियान चला रहे संस्थाओं से एक रिपोर्ट सामने आई थी। उस रिपोर्ट में उल्लेख था, कि पिछले 3 साल में इंदौर में 27% युवा ड्रग एडिक्ट हुए हैं और लगभग 39% महिलाएं भी नशा करती हैं। यानी इंदौर में पिछले 3 साल में नशा करने वाले युवाओं की संख्या में 27% का इजाफा हुआ है। बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय कैबिनेट मंत्री उषा ठाकुर नशे के खिलाफ पहले ही आवाज उठा चुके हैं। लेकिन इस बीच इंदौर के कुछ परिवारों का नशे से डरकर पलायन वाकई में डराने वाली तस्वीर है।