प्रगति मैदान की सुरंग में शनिवार दोपहर तीन बजे दो बाइक सवार चार बदमाशों ने ओला कैब सवार दो व्यक्तियों से हथियारों के बल पर 50 लाख से अधिक की लूट की थी। उक्त रकम पुरानी दिल्ली के आंगड़िया की थी। लूट के बाद आंगड़िया के निर्देश पर पीड़ित युवकों ने तिलक मार्ग थाना पुलिस को घटना की सूचना तो दे दी थी, लेकिन वे मुकदमा कराने के लिए तैयार नहीं थे।
दो लाख की लूट की दी थी शिकायत
बिना मुकदमा दर्ज कराए जांच न करने की बात कहने पर पुलिस के दबाव में आकर पीड़ित ने मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे में उन्होंने दो लाख ही लूटे जाने की शिकायत की थी। बाद में जांच से पुलिस को पता लगा कि बदमाशों ने 50 लाख से अधिक की लूट की थी। इस मामले में क्राइम ब्रांच, नई दिल्ली व उत्तरी जिला पुलिस ने वारदात व घटना की साजिश में शामिल आठ आरोपितों को अब तक गिरफ्तार कर चुकी है।
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Delhi Tunnel Robbery: टनल में दो नहीं 50 लाख की हुई थी लूट, जानें पीड़ितों ने पुलिस से क्यों छिपाई सही रकम
प्रगति मैदान की सुरंग में शनिवार दोपहर तीन बजे दो बाइक सवार चार बदमाशों ने ओला कैब सवार दो व्यक्तियों से हथियारों के बल पर 50 लाख से अधिक की लूट की थी। रकम पुरानी दिल्ली के आंगड़िया की थी। पुलिस ने गिरफ्तार किए गए बदमाशों से पांच लाख रुपये बरामद किए हैं। बाकी 45 लाख रुपये पुलिस बरामद नहीं कर पाई है।
BY RAKESH KUMAR SINGH
Publish Date: Wed, 28 Jun 2023 07:02 PM (IST)
Updated Date: Wed, 28 Jun 2023 07:02 PM (IST)
Delhi Tunnel Robbery: टनल में दो नहीं 50 लाख की हुई थी लूट, जानें पीड़ितों ने पुलिस से क्यों छिपाई सही रकम
Delhi Tunnel Robbery: टनल में दो नहीं 50 लाख की हुई थी लूट
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। प्रगति मैदान की सुरंग में शनिवार दोपहर तीन बजे दो बाइक सवार चार बदमाशों ने ओला कैब सवार दो व्यक्तियों से हथियारों के बल पर 50 लाख से अधिक की लूट की थी। उक्त रकम पुरानी दिल्ली के आंगड़िया की थी। लूट के बाद आंगड़िया के निर्देश पर पीड़ित युवकों ने तिलक मार्ग थाना पुलिस को घटना की सूचना तो दे दी थी, लेकिन वे मुकदमा कराने के लिए तैयार नहीं थे।
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दो लाख की लूट की दी थी शिकायत
बिना मुकदमा दर्ज कराए जांच न करने की बात कहने पर पुलिस के दबाव में आकर पीड़ित ने मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे में उन्होंने दो लाख ही लूटे जाने की शिकायत की थी। बाद में जांच से पुलिस को पता लगा कि बदमाशों ने 50 लाख से अधिक की लूट की थी। इस मामले में क्राइम ब्रांच, नई दिल्ली व उत्तरी जिला पुलिस ने वारदात व घटना की साजिश में शामिल आठ आरोपितों को अब तक गिरफ्तार कर चुकी है।
पुलिस अभी नहीं बरामद कर सकी 45 लाख
उनकी निशानदेही पर लूटी गई रकम में से पांच लाख ही पुलिस बरामद कर पाई है। शेष 45 लाख रुपये पुलिस बरामद नहीं कर पाई है। वारदात की साजिश में शामिल तीन-चार और आरोपितों का पता लग गया है। उन्हें दबोचने व लूटी गई शेष रकम बरामद करने के लिए पुलिस दिल्ली-एनसीआर में दबिश डाल रही है।
मध्य व उत्तरी जिले में व्यापारियों का गढ़ है। यहां अवैध रूप से हवाला का धंधा चलता है। ब्लैक मनी बाहर से व्यापारियों के पास आती है और यहां से भी पैसा बाहर भेजा जाता है। पुलिस का कहना है कि पूरी पुरानी दिल्ली में आंगड़िया का भी धंधा चलता है। इसे फारवर्ड ट्रेडिंग के नाम से भी जाना जाता है। आंगड़िया, व्यापारियों का एसोसिएशन होता है, जिसमें शुरू में पैसा निवेश करना होता है, जिससे जरूरत पड़ने पर व्यापारी कभी भी वहां से मोटी रकम ले सकते हैं फिर क्रेडिट के अनुसार वहां पैसा जमा करा दिया जाता है।
आंगड़िया का था पैसा
पुरानी दिल्ली इलाके में गुजरात आदि कई राज्यों के लोग आंगड़िया का काम करते हैं। वे लोग एक-एक कमरे का घर किराए पर लेकर उसमें चार से पांच सदस्य रहते हैं। इस धंधे में वे लोग विश्वासपात्र लोगों को ही रखते हैं, ताकि पैसा लेकर भाग जाने की संभावना न रहे। पुलिस का कहना है कि अगर किसी व्यापारी को मोटी रकम की जरूरत होती है तो आंगड़िया को फोन कर रुपये एक जगह से लेकर दूसरे जगह पहुंचाने को कहा जाता है।
पैसा पहुंचाने के लिए लेते कमीशन
पैसा पहुंचाने के लिए आंगड़िया से जुड़े लोगों को प्रति एक लाख पर 300-400 रुपये कमीशन मिलता है। जहां पैसा पहुंचाया जाता है, आंगड़िया के सदस्य उनसे भी कमीशन लेते हैं। यानी दोनों तरफ से उन्हें कमीशन मिलता है। जिगर व साजन पटेल गुजरात के एक ही गांव के रहने वाले हैं और पुरानी दिल्ली में एक साथ रहते भी हैं।
इन्हीं दोनों को चांदनी चौक से 50 लाख से अधिक रुपये लेकर गुरुग्राम के सुनील को पहुंचाने के लिए कहा गया था। सुनील वहां एक बैंक्वेट में मैनेजर है। पुलिस का कहना है कि हवाला व आंगड़िया का अवैध धंधा होने के कारण जब इनके साथ लूटपाट की वारदात होती है तो आयकर विभाग के डर के कारण वे लोग लूटी गई रकम के बारे में सही जानकारी नहीं देते हैं। आयकर से बचने के लिए वे लोग ऐसा करते हैं। पुलिस अधिकारी का कहना है कि कानूनन पुलिस के पास इन दोनों तरह के धंधे पर कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है।
अगर पुलिस को आंगड़िया व हवाला कारोबारियों के पैसों के बारे में पता चलता है तो उसकी जानकारी आयकर विभाग को ही दी जाती है। जिसके बाद आयकर विभाग ही उस पर कार्रवाई कर सकता है। पुलिस का कहना है कि ईडी और आयकर विभाग को ऐसे मामलों में कार्रवाई करनी चाहिए। पुरानी दिल्ली मेें पिछले सात सालों से अमेजॉन के लिए बतौर डिलीवरी मैन का काम करने के कारण उस्मान अली को अच्छी तरह से पता था कि वहां आंगड़िया के पास कहां से और कब कब मोटा पैसा आता-जाता है।
उसे पैसों की जरूरत थी। इसलिए उसने अपने चचेरे भाई इरफान से संपर्क कर लूट की योजना बनाई। उस्मान व इरफान दोनों बुराड़ी के रहने वाले हैं। इरफान सब्जी बेचने का काम करता था। उसे भी पैसों की आवश्यकता थी। इरफान ने आगे बुराड़ी, जहांगीरपुरी, बागपत व लोनी के बदमाशों को लूट के लिए तैयार किया।
गिरफ्तार किए गए बदमाश
उस्मान अली बुराड़ी का रहने वाला है। वह अमेजॉन का डिलीवरी ब्वॉय का काम करता है। सात साल से चांदनी चौक में काम करने के कारण उसे आंगड़िया के पास मोटी रकम आने जाने की जानकारी थी। इसलिए उसने लालच में आकर चचेरे भाई इरफान से लूटपाट के लिए बदमाशों को अरेंज करने को कहा।
इरफान भी बुराड़ी का रहने वाला है। वह उस्मान का चचेरा भाई है। उस्मान के कहने पर बदमाशों से संपर्क कर लूटपाट की योजना बनाई।
अनुज मिश्रा दिल्ली जलबोर्ड में संविदा पर काम करता था। भलस्वा डेरी का रहने वाला है। लूट व आर्म्स एक्ट के कई मामले दर्ज हैं। इसी ने अन्य बदमाशों को वारदात में शामिल किया और दो चोरी की बाइक का बंदोबस्त किया। उसपर फर्जी नंबर प्लेट लगाया।
कुलदीप उर्फ लंगड़ा जहांगीरपुरी का रहने वाला है। उस पर लूटपाट व झपटमारी के 16 से अधिक मामले दर्ज हैं। इसने पिस्टल व कारतूस का बंदोबस्त किया।
विशाल भी बुराड़ी का निवासी है। वह पेशे से नाई है।
सुमित भी दिल्ली के बुराड़ी का रहने वाला है, वह भी सब्जी विक्रेता है।
प्रदीप उर्फ सोनू यूपी के बागपत निवासी है, उस पर 37 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
अमित उर्फ बाला लोनी का रहने वाला है। यह कुख्यात प्रदीप और उस्मान का दोस्त है।