उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के किशनी के गोकुलपुर गांव में बीते शनिवार को हुई 5 लोगों की हत्या की वारदात की जांच में पुलिस जुटी हुई है। हर रोज मामले में कुछ नए खुलासे हो रहे है। आज इस वारदात का एक चौंकाने वाला सच सामने आया है। जिसका खुलासा आरोपी के पिता ने किया है।
असफलताओं से परेशान था शिववीर
आरोपी शिववीर अपने जीवन में लगातार मिल रही असफलताओं से परेशान था। उसे नौकरी भी रास नहीं आ रही थी। जब पैसों की जरूरत के बीच उसके भाइयों ने जमीन खरीद ली तो उसने इस बात का विरोध करना शुरू कर दिया। वो पिता से जमीन खरीदने की बजाय पैसों की मांग करता था।
हत्या करने के बाद आरोपी ने की आत्महत्या
बीते शनिवार को जिले के किशनी थाना क्षेत्र के गोकुलपुर (अरसारा) का है। जहां के निवासी शिववीर यादव पुत्र सुभाष चंद्र उम्र 32 साल ने बीती रात अपने ही घर के 5 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद खुद को भी गोली मार ली। आरोपी ने सारी हत्या फड़से से की है। आरोपी ने अपने दो छोटे भाई सोनू उम्र 26 साल, भुल्लन उम्र 22 साल पुत्र गढ़ सुभाष चंद्र यादव, सोनू की पत्नी सोनी उम्र 20 साल अपने बचपन के दोस्त फिरोजाबाद निवासी दीपक उम्र 20 साल, अपने जीजा सौरभ उम्र 30 साल निवासी हविलिया। सब को मौत के घाट उतार दिया।
परिवार ने बताई हत्याकांड की यह वजह
इस वारदात के बाद पुलिस जांच पड़ताल कर रही है। सामूहिक हत्याकांड को लेकर इस वजह पर भी परिवार व अन्य लोग चर्चा कर रहे हैं। परिवार के लोगों की मानें तो शिववीर यादव हमेशा से ही जिद्दी था। बड़ा बेटा होने के चलते पिता ने उसे फ्लेक्स की दुकान खुलवाई। शुरू में काम अच्छा चला, इस बीच गांव के बाहर रोड पर एक मकान भी बनवाया। मकान के निर्माण में भी पिता ने रुपये दिए थे। इस बीच उसकी शादी डॉली से हुई। मकान व शादी में अधिक खर्च और धंधा भी सुस्त हो गया। कुछ समय बाद शिववीर पत्नी डॉली को साथ लेकर बाहर चला गया और नौकरी करने लगा। इस बीच उसने काफी कर्ज भी ले लिया था।
पूरी तरह कर्ज में डूबा हुआ था शिववीर
कर्ज में डूबा होने के कारण उसका स्वभाव बदलने लगा और पत्नी पर हाथ भी उठाने लगा थी। परेशान डॉली अपने मायके चली गई थी। शिववीर के कई बार बुलाने के बाद भी वह साथ नहीं गई। उधर सुभाष अपनी बहू को मायके से घर ले आए। यहां भी साथ ले जाने के लिए शिववीर ने दबाव बनाया, लेकिन मां ने यह कह कर मना कर दिया कि घर में खाना बनाने वाला कोई नहीं है। वह जब भी छुट्टी पर घर आता तो बाहरी लोगों से बातचीत भी कम करता था। रुपयों की तंगी, कर्ज और दो भाई अच्छा खासा कमा रहे थे। पिता के साथ मिल कर भाई सोनू और भुल्लन ने करीब पांच बीघा जमीन खरीद ली थी। यह बात शिववीर को नागवार गुजरी।
भाई की शादी से खुश नहीं था शिववीर
इसके बाद शिववीर ने अपने पिता से कहा कि उसे रुपये की जरूरत है। जमीन खरीदने की क्या जरूरत थी। पिता से रुपये भी मांगे लेकिन नहीं मिले। अब वह घर आता तो मां बाप से भी झगड़ा करने लगा था। इस बीच उसके भाई सोनू की शादी तय हो गई। शादी को लेकर भी वह खुश नहीं था। शादी में होने वाले खर्च के लिए रुपये मांग रहा था। पिता सुभाष ने बताया कि उसे तो शादी में बुलाया भी नहीं था। फिर भी वह आया और बारात में शामिल हुआ। लेकिन उसका स्वभाव बदला हुआ था। शायद उसके मन में सब कुछ तबाह करने का मंसूबा पल रहा था। किसी को कुछ एहसास तक नहीं होने दिया। परिवार के लोग लगातार मिली असफलता और अपनों की बेरुखी भी सामूहिक हत्याकांड की एक वजह मान रहे हैं।