उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में नगर निगm की बड़ी लापरवाही के चलते एक बड़ा हादसा (Big Accident) सामने आया है, जहां शहर के बन्नादेवी थाना क्षेत्र के सराय रहमान इलाके में बुधवार को घर के सामने खेल रहे एक मासूम बच्चे उजैर की नाले में गिरकर दम घुटने से दर्दनाक मौत हो गई। हादसे के बाद परिवार में कोहराम मच गया और स्थानीय लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। परिजनों ने नगर निगम के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
परिजनों ने घटना के लिए नगर निगम को जिम्मेदार ठहराया
बता दें कि अलीगढ़ नगर निगम के खुले नाले ने बुधवार को एक बार फिर एक 5 वर्षीय मासूम बच्चे की जान ले ली। शहर के बन्नादेवी क्षेत्र के सराय रहमान इलाके में दोपहर के समय घर के बाहर दरवाजे पर खेल रहे उजैर (5) मासूम बच्चे की नाले में गिरकर डूबने से दर्दनाक मौत हो गई। शुरुआत में अचानक बच्चे के लापता होने पर उसकी तलाश शुरू की गई। इसी बीच किसी की नजर नाले में बच्चे के शव पर पड़ी, तो तत्काल बच्चे को नाले से निकालकर जिला अस्पताल मलखानसिंह पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पुलिस भी आ गई, मगर परिवार वालों ने शव का पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया। इसके बाद परिजन शव को घर ले गए। मृतक बच्चे के परिवार वालों ने इस घटना के लिए नगर निगम को जिम्मेदार ठहराया है।
अब तक कई बच्चे नाले में डूबकर एक्सपायर हो चुके हैं: सलमान शाहिद
मौके पर पहुंचे बसपा से मेयर के प्रत्याशी रहे सलमान शाहिद का कहना है कि इसी क्षेत्र में अब तक कई बच्चे नाले में डूबकर एक्सपायर हो चुके हैं। नगर निगम की लापरवाही और उदासीनता की वजह से गरीब आदमी जो यहां नारकीय जीवन जी रहा है। नगर निगम एक 2 किलोमीटर के पॉकेट को स्मार्ट बना रहा है। शहरवासियों से अपील करता हूँ कि गरीब व्यक्ति की लाश पर अगर स्मार्ट सिटी को आप को इग्नोर करना पड़े तो शहरवासियों को साथ आना पड़ेगा। ऐसी स्मार्ट सिटी का कोई मतलब नहीं, जहां आदमी की जान की कोई कीमत नहीं है। जहां आप एक तरफ शहर को स्मार्ट सिटी बनाने की बात कर रहे हैं दूसरी तरफ गरीब आदमी के बच्चे नाले में डूब कर जान दे रहे हैं। अगर मैं महापौर होता तो सबसे पहले यहां नाले को बनाने का काम करता।
उन्होंने कहा कि इस शहर की आबादी के बीच से नाला जा रहा है। कोई व्यक्ति अपने बच्चे को पहले दिन से 10 साल तक मना करता है अचानक उसका बच्चा नाले में डूब कर एक्सपायर हो जाता है तो उस व्यक्ति से पूछिए, उसके दिल की पीड़ा पूछिए वह अपने आप को संभाल पा रहा होगा या नहीं। नगर निगम के अधिकारियों से कहना चाहता हूं यह मामला यहीं रुकने वाला नहीं है। अगर इस नाले का परमानेंट समाधान नहीं कराया, इस नाले को कवर्ड नहीं कराया तो जनता को लेकर सड़क पर बैठने वाला सबसे पहला व्यक्ति रहूंगा और इस नाले का समाधान कराने का काम करूंगा।