रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी के खिलाफ को आत्महत्या के एक पुराने केस में मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अर्नब गोस्वामी ने पुलिस पर मारपीट और बदसलूकी के भी आरोप लगाए हैं। सीनियर जर्नलिस्ट को महाराष्ट्र सीआईडी ने 2018 में इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुद नाइक की आत्महत्या की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के बाद उन्होंने अलीबाग पुलिस स्टेशन ले जाया गया है।
अर्नब की गिरफ्तारी के बाद प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है। बीजेपी ने इसकी तुलना आपातकाल से की है और इसे अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बताया है।
– र्नब गोस्वामी की गिरफ़्तारी पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘प्रजातंत्र में इससे खराब दिन कुछ नहीं हो सकता, वरिष्ठ पत्रकार से ऐसा अमानवीय व्यवहार करने की कड़ी से कड़ी भाषा में निंदा करना भी कम है। ये राजनीतिक उद्देश्य से किया गया है, हम इसकी निंदा करते हैं।’
– केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ईरानी ने ट्वीट किया, ”स्वतंत्र प्रेस के लोग अगर आज अर्नब के समर्थन में खड़े नहीं होते हैं , तो आप रणनीतिक रूप से फासीवाद के समर्थन में हैं। आप भले ही उन्हें पसंद नहीं करते हों, आप उनको चाहे मान्यता नहीं देते हों, भले ही आप उनकी उपस्थिति को नजर अंदाज करते हों लेकिन अगर आप चुप रहे तो आप दमन का समर्थन करते हैं। अगर अगले शिकार आप होंगे, तो फिर कौन बोलेगा?”
– महाराष्ट्र कांग्रेस के महासचिव और प्रवक्ता सचिन सावंत ने अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी को दिवंगत अनवे नाइक को श्रद्धांजलि करार दिया। उन्होंने कहा, “नाइक और उनकी मां को अर्नब के चैनल द्वारा 80 लाख रुपये का बकाया भुगतान करने में विफल रहने के बाद आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया गया था। फडणवीस सरकार इस मामले की जांच करने और मृतक के परिवार के साथ न्याय करने में विफल रही। राजनीतिक दबाव बहुत था।”
– सावंत ने कहा, ‘मोदी सरकार सिर्फ अर्नब की रक्षा कर रही थी क्योंकि उनका चैनल उनके एजेंडे को आगे ले जा रहा था। अपराधी के खिलाफ कार्रवाई की निंदा करने के बजाय, भाजपा को न्याय पाने में अपनी विफलता पर शर्म महसूस करनी चाहिए। हम एमवीए सरकार द्वारा की गई कार्रवाई का स्वागत करते हैं।“
– द एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अरनब गोस्वामी की गिरफ्तारी की निंदा की है।कहा, “गिल्ड ने महाराष्ट्र के सीएम से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि गोस्वामी के साथ उचित व्यवहार किया जाए और मीडिया द्वारा महत्वपूर्ण रिपोर्टिंग के खिलाफ राज्य शक्ति का उपयोग नहीं किया जाए।”