बदलते समय के साथ-साथ ठग भी ठगी के तरीके बदल रहे हैं। अब ठग विदेश में रह रहा नकली भतीजा बनकर चाचाओं को चूना लगा रहे हैं। देशभर के वह ऐसे लोगों को निशाना बनाते हैं, जिनके रिश्तेदार विदेश में रह रहे होते हैं।
पहले किसी अंजान नंबर से उन्हें वाट्सऐप कॉल आती है। फिर कॉलर खुद को उसका (पीड़ित) भतीजा बताता है। अगले दिन वह फिर से कॉल करता है और बताता है कि वह किसी पार्टी में जा रहे हैं। दो-तीन दिन बाद फिर से उसका कॉल आता है और रोने लगता है कि उसे पुलिस ने पकड़ लिया है। उसे बचाने के लिए वकील से बात कर लीजिए।
कथित भतीजे को छुड़ाने के लिए पीड़ित वकील से बात करते हैं तो वकील उसे भारत में रहने वाले उसके एजेंट के बैंक खाते में पैसे भेजने को कहता है। हड़बड़ाहट कहें या फिर किसी तरह के लालच में लोग उस खाते में पैसे डलवा देते हैं। जब उन्हें पता लगता है कि उनके साथ ठगी हो गई है तो उनके होश उड़ जाते हैं। बाहरी उत्तरी जिले में ऐसे ही दो मामले सामने आए हैं।
फर्जी भतीजे की कॉल पर चाचा गंवा बैठे 15 लाख
पहला मामला होलंबी कलां इलाके से सामने आया है। पुलिस को दी गई शिकायत में होलंबी कलां के ओमप्रकाश ने बताया कि 11 मई को उनके पास वाट्सऐप पर एक कॉल आया। कॉलर ने अपना नाम हरमन बताया व खुद को न्यूजीलैंड में रहने वाले उनके भतीजे के रूप में पेश किया। अगले दिन उसने फिर से कॉल कर बताया कि उसके एक दोस्त को यहां की स्थाई नागरिकता मिली है और वह पार्टी करने जा रहे हैं।
इतना कहकर वह फोन काट देता है। इसके तीसरे दिन हरमन का फिर कॉल आता है और वह रोने लगता है। वह कहता है कि वह मुसीबत में है और उसे मदद चाहिए। उसने बताया था कि उस दिन वह दोस्तों के साथ पार्टी में गया था। वहां पर उनका न्यूजीलैंड के स्थानीय लोगों के साथ झगड़ा हो गया। पुलिस उन्हें पकड़कर ले गई। पुलिस को पैसे देने हैं और वह इस बारे में किसी से जिक्र न करें।
उसने कहा कि परिवारजनों को पता चला तो उसके लिए अच्छा नहीं होगा। उसने जगमोहन सिंह नींदा नामक वकील का नंबर दिया व जैसे वकील बोले वैसा करने को कहा। इसके बाद जगमोहन सिंह का शिकायतकर्ता को कॉल आया व उसने कहा कि वह उनके भतीजे को छुड़वा लेगा। इसके लिए एक लाख डॉलर उसकी फीस है और एक लाख डॉलर खर्चा आएगा।
यह कहकर उसने भारत में उसके एजेंट आकाश के बैंक खाते का नंबर दिया। ओमप्रकाश ने उस खाते में 15.5 लाख रुपये भेज दिए। बाद में उसने अपने चचेरे भाई को कॉल किया तो उसे पता लगा कि उससे ठगी हो गई है।रोहिणी सेक्टर 11 के सरबजीत सिंह को तीन मई को वाट्सऐप पर इसी तरह अंजान नंबर से कॉल आया। कॉलर ने बताया कि वह उनका भतीजा प्रिंस बोल रहा है। वह परिवार के साथ कनाड़ा में रहता है। उसका व उसके दो दोस्तों का कनाडा के लोगों के साथ झगड़ा हो गया है।
रोहिणी सेक्टर 11 के सरबजीत को बनाया शिकार
कनाड़ा के स्थानीय लोग चोटिल हो गए व पुलिस उन्हें पकड़कर ले गई। उसने बताया कि अगर यह बात उसके परिवार के लोगों को पता चली तो उसके लिए काफी शर्मनाक बात होगी। इसके बारे में किसी को न बताएं। उसने जगमोहन सिंह नींदा नामक वकील से बात करने को कहा। कुछ समय बाद कथित वकील का फोन आया। उसने कहा कि वह उनके भतीजे को पुलिस से छुड़वा लेगा। इसके लिए पांच हजार कनेडियन डॉलर का जुर्माना देना पड़ेगा।
उसने भारत में उनके एजेंट आकाश के बैंक खाते का नंबर भेजा। शिकायतकर्ता ने उस खाते में तीन लाख रुपये भेज दिए। इसके बाद आरोपित 1.2 लाख रुपये और मांगने लगे। शिकायतकर्ता ने 1.2 लाख रुपये भेजे, लेकिन बैंक ने ट्रांजेक्शन रद्द कर दी।शाम तक उन्हें ठगी का अहसास हुआ और पुलिस को शिकायत की। पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस तरह के मामले देशभर से सामने आ रहे हैं। वाट्सऐप पर कॉल कर कॉलर खुद को शिकायतकर्ता का भतीजा बताता है।
कॉल कर वह दावा करता है कि वह विदेश में परिवार के साथ रह रहा है और फंस गया है। थाने से वह कॉल कर रहा है। वह दावा करते हैं कि बाद में वह उन्हें (कथित चाचा) पांच गुना पैसे भेजेगा। इसी लालच में लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के किसी भी अंजान व्यक्ति का कॉल आता है तो उसे पैसे न भेजें व पुलिस को शिकायत करें।