मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में अब वर्चस्व की लड़ाई देखने को मिल रही है। शिवराज सरकार के कैबिनेट मंत्री दर्जा मुन्ना लाल गोयल ग्वालियर महापौर और कांग्रेस के विधायक के खिलाफ खुलकर मैदान में है। उनका, महापौर और विधायक पर आऱोप है कि MIC जान बूझकर, उनके क्षेत्रों की फाइलों की स्वीकृति नहीं कर रहा है, साथ ही महापौर एक विधानसभा की होकर रह गई है। जिस पर कांग्रेस के विधायक सतीश सिकरवार ने मुन्नालाल गोयल को पागल करार दे दिया है।
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले, अब राजनीति सड़कों पर देखने को मिल रही है। ग्वालियर में 19 जून को सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त मु्न्नालाल गोयल ग्वालियर की महापौर डॉक्टर शोभा सिकरवार और उनके पति कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार के खिलाफ सद्धबद्धि यज्ञ कराने जा रहे है। मुन्नालाल का आरोप है कि कांग्रेस की महापौर शोभा सिकरवार पर अनुसूचित जाति वर्ग की गरीब परिवारों की आवास निर्माण योजना में अवरोध पैदा कर रही है। चार बार उन्होंने MIC से गरीबों केदारपुरा में आवास बनने वाली फाइल को वापस लौटा दिया है।
मुन्नालाल गोयल का कहना है कि इस साल 2020 में ग्वालियर के केदारपुर इलाके में कब्जा की गई। जमीन को गरीबों के आवास के लिए मुक्त कराया गया था और शासकीय भूमि पर गरीबों को पट्टे दिए गए थे। साथ ही प्रत्येक परिवार को आवास बनाने के लिए ढाई लाख रुपया भी सैंक्शन हुआ है। सरकार ने इस पूरी भूमि पर 18 करोड़ की राशि से आवास बनाने का टेंडर भी जारी कर दिया था। उनकी मांग है कि स्वीकृत 397 मकान बनाने के काम तुरंत शुरू कराए जाएं। वहीं कांग्रेस के विधायक सतीश सिकरवार ने मुन्नालाल गोयल को पागल करार दे दिया है। साथ ही उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को नसीहत दी है, कि अपने पागल समर्थक का इलाज कराएं