गुड़गांव पुलिस ने दो ऐसे शातिर ठगों को राजस्थान के जयपुर से गिरफ्तार किया है, जो पुलिस का वरिष्ठ अधिकारी व पत्रकार बनकर लोगों के साथ ठगी करते थे। आरोपी अब तक वे इस तरह की ठगी की 100 से अधिक वारदातों को अंजाम दे चुके हैं।
डीसीपी ईस्ट नितीश अग्रवाल ने बताया कि गत 4 जून को एक व्यक्ति ने झाड़सा चौकी में एक लिखित शिकायत दी कि एक व्यक्ति ने एक वेबसाइट के माध्यम से उससे संपर्क किया और उससे सर्विस मांगी। इसके साथ मोबाइल पर सम्पर्क कर उसको साइबर पार्क सैक्टर-39 में बुला लिया। वहां पहुंचने पर आरोपियों ने उसे एक स्विफ्ट डिजायर गाड़ी बैठा लिया और अपना परिचय पुलिसकर्मियों के रूप में कराते हुए उसे साइबर क्राइम किए जाने के मामले में इसको जेल भेजने की धमकी दी।
यही नहीं आरोपी शिकायतकर्ता को सैक्टर-39 ले गए और फिर अन्य व्यक्ति जिसने अपना परिचय एक सीनियर पुलिस अधिकारी के रूप में कराकर उससे एक लाख रुपए मांगे और रुपए ना देने की सूरत में जेल भेजने की धमकी दी। शिकायतकर्ता ने अपने भाई के खाते से उनके द्वारा बताए गए एकाउंट में 50 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए और बाकी रुपए अरेंज करके देने के लिए व इस बारे में किसी को बताने पर जान से मारने के लिए धमकाया। पुलिस ने इस संबंध में केस दर्ज कर लिया।
तीनों आरोपियों को राजस्थान से किया गिरफ्तार:
डीसीपी ईस्ट नितीश अग्रवाल के दिशा-निर्देश पर सदर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर वेदप्रकाश, सब इंस्पेक्टर जसवंत, झाड़सा चौकी प्रभारी की पुलिस टीम ने इस मामले में जांच करते हुए वारदात के दौरान गाड़ी चलाने वाले सुनील नामक आरोपी को गत 5 जून को ही जयपुर, राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद 6 जून को कोर्ट में पेश कर उसे रिमांड पर लिया। रिमाण्ड के दौरान इसने पुलिस पूछताछ में अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर इस तरह की वारदातों को अंजाम देने का खुलासा किया था। पुलिस टीम द्वारा इसके कब्जा से वारदात में प्रयोग की गई गई स्विफ्ट डिजायर कार भी बरामद कर ली। दोनों ही मुख्य आरोपियों की पहचान मात्र आठवीं तक पढ़े मोहित कुमार टांक व दसवीं पास देवकीनंदन निवासी मध्यप्रदेश के रूप में हुई।
टूरिस्ट गाइड से बना ठग:
आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि मोहित कुमार टांक मूलरूप से जयपुर, राजस्थान का रहने वाला है और वह जयपुर में ही बतौर ट्यूरिस्ट गाइड का काम करता था। करीब नौ साल पहले यह एक डिस्को में काम करने के लिए गया था, डिस्को में ही इसकी मुलाकात तहलका चैनल के मालिक इब्राहिम शेख से हुई। अग्रेंजी भाषा पर अच्छी पकड़ होने के कारण वह मुम्बई में इब्राहिम शेख तहलका चैनल के मालिक के साथ मिलकर अच्छे रुतबे वाले लोगों का स्टिंग ऑपरेशन करने लगा था। वर्ष 2020 में कोविड के कारण लॉकडाऊन होने के बाद यह जयपुर वापस आ गया।
ऐसे देते थे वारदात को अंजाम:
आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि आरोपी मोहित टांक स्टिंग ऑपरेशन का काम अच्छे से जानता था। जयपुर में ही इसके नजदीक ही किराए पर रहने वाले एक व्यक्ति देवकीनन्दन व सुनील के साथ मिलकर इसने इस प्रकार की वारदात करके जबरन उगाही करने की योजना बनाई और विभिन्न बेवसाईट्स (रेन्टमैन, स्कोका, लॉकएन्टो, जिगेलो व मसाज-रिपब्लिक आदि के माध्यम से अपने शिकार को टारगेट करते और उससे सर्विस लेने के बुलाते। अलग-अलग शहरों में जिस स्थान पर ये वारदात करते थे, वहां के नजदीकी पुलिस थाना की जानकारी व लोकेशन गूगल के माध्यम से लेते और आरोपी देवकीनन्दन को इनकी योजना के अनुसार पुलिस स्टेशन/ चौकी के गेट के पास खड़ा कर देते थे।
आरोपियों द्वारा टारगेट किए गए व्यक्ति जब इनके द्वारा दिए गए स्थान पर पहुंचता तो मोहित कुमार टांक उस व्यक्ति को अपना परिचय एक पत्रकार के रूप में कराता और उसके द्वारा साइबर अपराध करने की बात कहकर उसको जेल भेजने की धमकी देता। उस व्यक्ति पर अधिक दबाव बनाने के लिए उसे गाड़ी में बैठाकर उसको पुलिस स्टेशन के पास ले जाता, जहां पर पहले से ही इसका साथी देवकीनन्दन खड़ा होता था। यह उसका परियच एक पुलिस अधिकारी के रूप में करवाता और फिर ये उस व्यक्ति से जेल भेजने की धमकी देने के नाम पर वसूली करते। आरोपी एक महीने बाद ही दूसरी वारदात को अंजाम देते थे।