पानीपत पुलिस की सीआईए वन की टीम ने एटीएम मशीन लूट गिरोह के चार सदस्य को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। आरोपियों से पुलिस ने भारी मात्रा में हथियार, दो गाड़ियां और लूटी गई मशीनें बरामद की है।
पुलिस अधीक्षक अजीत शेखावत ने बताया कि पानीपत पुलिस को मई महीने में शिकायत मिली थी कि पानीपत के गोहाना रोड पर रात को चार लोग आईसीआईसीआई बैंक की एटीएम मशीन को लूटकर साथ ले गए हैं। कुछ दिनों बाद फिर से मशीन लगने के बाद वारदात को दोहराया गया। फिर तीसरी बार गोहाना रोड से ही बैंक की एटीएम मशीन को यही गिरोह लेकर फरार हो गया। बार-बार हो रही एक ही प्रकार की वारदात से यह साफ हो गया था कि यह एक ही गिरोह के ही सदस्य हैं।
उन्होंने बताया कि इन सभी मामले में आरोपियों द्वारा फॉर्च्यूनर गाड़ी का इस्तेमाल किया है। फॉर्च्यूनर गाड़ी को ही आधार बनाकर जिम्मेवारी पानीपत पुलिस की सीआईए वन की टीम को सौंपी गई। सीसीटीवी में पता लगा कि यह फॉर्च्यूनर गाड़ी मुख्य सड़क से नहीं बल्कि कच्चे रास्तों से होकर पंजाब की तरफ निकली है। सीआईए टीम सीसीटीवी देखने पर पुलिस पंजाब के शादीपुर गांव में बने एक डेरे पर पहुंची जहां पुलिस को यह फॉर्च्यूनर गाड़ी बरामद हुई, परंतु उस गाड़ी पर नंबर प्लेट दूसरा था। जब डेरे की तलाशी ली गई तो कई नंबर प्लेट बरामद हुई और वह नंबर प्लेट भी मिल गई जो पानीपत की वारदात में इस्तेमाल की गई थी।
पूछताछ में किया ये खुलासा
सूचना मिली थी कि आरोपी भी नई वारदात को अंजाम देने के लिए करनाल जिले के मूनक कस्बे के पास रेकी कर रहे हैं। हमारी टीम ने हरकत में आते हुए चारों को मूनक से काबू करने में सफलता हासिल की। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने पानीपत में छह वारदातों को अंजाम दिया है। उसके अलावा करनाल, अंबाला और पंजाब समेत 24 वारदात को कबूल किया है। आरोपियों से पूछताछ में उनके पास एक लाइसेंसी रिवाल्वर, एक लाइसेंसी राइफल और दो देशी कट्टे व 70 कारतूस बरामद हुए हैं। इसके अलावा उनकी निशानदेही पर नहर में डाली गई पांच एटीएम मशीनें भी बरामद हुई है। आरोपियों से एटीएम को उखाड़ने के लिए कटर व अन्य सामान बरामद किया गया है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि वारदात का मुख्य सरगना सुखविंद्र उर्फ सुक्खा 1997 में आर्मी में भर्ती हो गया था। परंतु वह वहां से भाग गया और उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया। उसके बाद वह दुबई चला गया, जहां उसने अपना कोई काम शुरू किया परंतु वहां भी कामयाबी हाथ नहीं लगी तो उसने वापिस इंडिया में आकर अपने भाई देवेंद्र के साथ एटीएम मशीनों को लूटने की वारदातों को अंजाम देना शुरू किया। साथ में उन्होंने दो और लोग गुरमीत, रूपिंदर को भी ले लिया जो दोनों सगे भाई थे। इनकी गैंग में दो लोग और शामिल थे, जो 2020 में डोंकी के जरिए अमेरिका में जा चुके हैं। ये चारों लोग भी इस वारदात को करने के बाद विदेश भागने की फिराक में थे। बड़ी बात यह है कि यह इतने लंबे समय से एटीएम लूट की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं परंतु कभी भी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े। फिलहाल आज उन्हें कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा, ताकि उससे और भी वारदातों का खुलासा हो सके।