अपने भारत दौरे के दौरान अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने हिंद प्रशांत क्षेत्र में नाटो की स्थापना को लेकर चीन के दावों पर पलटवार करते हुए करारा जवाब दिया अमेरिका के रक्षा सचिव ऑस्टिन ने सोमवार को कहा किनिश्चित रूप से, भारत और हम एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत के समान दृष्टिकोण साझा करते हैं।” संयुक्त राज्य अमेरिका इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) की स्थापना का हमारा कोई इरादा या कोशिश नहीं है।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) की स्थापना की कोशिश नहीं कर रहा है। हमारा उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को व्यापार के लिए आजाद रखना है। और हम इसकी सुरक्षा के लिए अपने जैसे विचार वाले देशों के साथ काम करना है। उनका यह बयान चीनी रक्षा मंत्री ली शांगफू के उस बयान पर आया है जिसमें उसने कहा था कि अमेरिका इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में नाटो जैसा सैन्य संगठन बनाने की तैयारी कर रहा है।
इससे पहले एक बैठक में उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका ने रक्षा औद्योगिक सहयोग को और बेहतर बनाने और आगे बढ़ाने के लिए एक रोडमैप तैयार किया है। इस रोडमैप के तहत दोनों देश नई प्रौद्योगिकियों के सह-विकास के साथ ही मौजूदा और नई प्रणालियों के सह-उत्पादन पर काम करेंगे। साथ ही साथ दोनों देश रक्षा स्टार्ट-अप पारिस्थितिक तंत्र के बीच सहयोग को बढ़ावा भी देगें। इस रोडमैप पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन के बीच एक द्विपक्षीय बैठक के दौरान सहमति बनी। यह आने वाले सालों के लिए दोनों देशों की रक्षा नीतियों का मार्गदर्शन करेगा। इसे लेकर रक्षा मंत्रालय ने एक बयान भी जारी किया है।
मंत्रालय ने अपने बयान में बताया कि बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। इस चर्चा में औद्योगिक सहयोग को मजबूत करने के तरीकों की पहचान करने पर विशेष रूप से विमर्श किया गया। इस दौरान दोनों पक्षों ने यूएस-इंडिया डिफेंस इंडस्ट्रियल कोऑपरेशन पर सहमति बनाई। इसके साथ ही राजनाथ सिंह और लॉयड ऑस्टिन ने मजबूत और बहुमुखी द्विपक्षीय रक्षा सहयोग गतिविधियों की समीक्षा की और सहयोग की गति को और तीव्र बनाने पर सहमति जताई।