राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके नेताओं पर निशाना साधते हुए मंगलवार को कहा कि आज दिल्ली में सत्ता में बैठे हुए लोगों को आलोचना सुनना पसंद नहीं है जबकि आलोचना तो लोकतंत्र का गहना है। गहलोत ने यह भी कहा कि कांग्रेस वालों को इस तरह से बदनाम किया जा रहा है जैसे वे तो हिंदू ही नहीं हैं। वह यहां राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ, जयपुर के कृषि उत्पाद व्यापार भवन के शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे।
गहलोत ने अपनी सरकार द्वारा गायों तथा गौशालाओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं एवं अनुदान का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘‘गोविंददेवजी मंदिर में 100 करोड़ रुपए की लागत से शानदार कॉरिडोर बनेगा। कोई कमी नहीं है…. पर हमें.., कांग्रेस वालों को इस प्रकार बदनाम किया जा रहा है जैसे कांग्रेस वाले तो हिंदू हैं ही नहीं। यह गलत है।”
गहलोत ने कहा, ‘‘हमारी कोई दुश्मनी नहीं है भाजपा व आरएसएस से। लोकतंत्र में लड़ाई विचारधारा की होती है। सबको साथ लेकर चलना पड़ता है, सबकी बात सुननी पड़ती है, आलोचना बर्दाश्त करना पड़ता है। दुर्भाग्य से आज जो दिल्ली में सत्ता में बैठे हुए लोग हैं, उनको आलोचना सुनना बिल्कुल पसंद नहीं है जबकि आलोचना लोकतंत्र का गहना है।”
भाजपा नेताओं द्वारा ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ की बात किए जाने का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा, ‘‘विपक्ष होना ही नहीं चाहिए, तो कांग्रेस मुक्त कर दो। विपक्ष के बिना, पक्ष क्या होगा? पक्ष तो तब होगा जब विपक्ष होगा। देश में जो माहौल है उसे लोगों को समझना पड़ेगा।” कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हमारी सोच व उनकी सोच में यही फर्क है कि हम सबको साथ लेकर चल रहे हैं। वे कहते जरूर हैं सबका साथ सबका विकास… (लेकिन) उनकी कथनी और करनी में अंतर है। हम कहते हैं सबका साथ, सबका विकास… उसके आधार पर ही हम चलना चाहते हैं। हमारी नीतियां, हमारे कार्यक्रम वही हैं जो (महात्मा) गांधी जी के दिए हुए हैं।”
गहलोत ने 2030 तक राजस्थान को देश का ‘नंबर वन’ राज्य बनाने का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘हमें सपना देखना चाहिए कि 2030 तक राजस्थान देश में नंबर वन राज्यों की श्रेणी में आ जाए। (यह) आ सकता है … हमने एक के बाद एक शानदार फैसले किए हैं।” राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव में दोबारा कांग्रेस सरकार बनने की उम्मीद जाते हुए गहलोत ने कहा ‘‘मुझे लगता है कि इस बार (राज्य में) सरकार रिपीट हो सकती है। यह मैं महसूस करता हूं, हालांकि यह फैसला मतदाताओं को करना है।”