पूर्व केंद्रीय मंत्री एम.जे. अकबर द्वारा मीटू मामले में पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर मानहानि मामले में 10 नवंबर को अंतिम जिरह होगी। राउज एवेन्यू स्थित अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पाहुजा की अदालत ने अंतिम जिरह के लिए यह तारीख तय की है।
इससे पहले अदालत ने इस मामले को मुख्य न्यायाधीश के पास भेज दिया था। एसीएमएम का कहना था कि वह सांसद व विधायकों से संबंधित मामले की सुनवाई करते हैं। इसलिए इस मामले को किसी अन्य अदालत में स्थानांतरित कर दिया जाए। परन्तु जिला न्यायाधीश का कहना था कि इस मामले की पूरी सुनवाई एसीएमएम की अदालत में हुई है। लिहाजा आगे की सुनवाई भी संबंधित अदालत करे। ताकि मामले में जल्द निर्णय आ सके। वहीं शिकायतकर्ता अकबर के वकील संदीप कपूर ने भी जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुजाता कोहली से गुहार लगाई थी कि एसीएमएम की अदालत ही इस मामले को सुने, जिसे मंजूर कर लिया गया।
पेश मामले की सुनवाई एसीएमएम की अदालत ने इसी साल 07 फरवरी से शुरू की थी।पूर्व केन्द्रीय मंत्री अकबर ने पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि शिकायत दाखिल करते हुए आरोप लगाया है कि मार्च 2018 में मीटू अभियान के तहत रमानी ने 20 साल पहले यौन दुराचार का झूठा आरोप लगाकर उनकी छवि को खराब किया है। इस आरोप के चलते ही अकबर ने 19 अक्तूबर 2018 को केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं, रमानी का कहना है कि उन्होंने मीटू अभियान के तहत अपना पक्ष रखा था।