राजस्थान में एक किसान को दो साल पहले चुराई गई उसकी बछिया रविवार को दुबारा मिल गई। वह बछिया अब मां बन चुकी है और उसके मालिक की पहचान के लिए पुलिस को डीएनए जांच तक करवानी पड़ी।
चूरू जिले में रामनगर बास के किसान दुलाराम ने इस बछिया को अपनी बेटी की तरह पाला था। करीब दो साल पहले बदमाशों ने उसे चुरा लिया था। जब पुलिस इस गाय एवं उसके दो बछड़ों को सौंपने दुलाराम के घर पहुंची तो दुलाराम उन्हें ऐसे गले लगा कर रोया जैसे बरसों पहले बिछड़े परिवार को सदस्य मिल गया हो।
दुलाराम ने बताया, “मैं थक गया था, क्योंकि पुलिस ने मेरी शिकायत पर कार्रवाई नहीं की। जिला पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी लेकिन पुलिस ने इस मामले में तीन बार अंतिम रिपोर्ट (एफआर) लगा दी थी। मुझे अपनी मांग को लेकर टॉवर पर चढ़ना पड़ा। चूंकि मुख्यमंत्री उसी दिन चूरू आने वाले थे इसलिये पुलिस हरकत में आई। तब डीएनए टेस्ट कराया गया था।’’
पुलिस के अनुसार बछिया का डीएनए इस किसान के पास मौजूद उसकी मां से मेल खाया है।
दुलाराम ने कहा कि वह जब भी थाने जाते थे तो पुलिसकर्मी उन्हें खदेड़ देते थे और गाली-गलौज करते थे।
उन्होंने कहा कि “बछिया चुराने वाले आरोपी ने मुझे चोर के रूप में पेश करने की कोशिश की। मैंने फैसला किया था कि जब तक मुझे न्याय नहीं मिलेगा तब तक मैं चैन से नहीं बैठूंगा, भले ही मुझे पूरी जमीन बेचनी पड़े। मैंने प्रतिज्ञा की थी कि जब तक मुझे मेरी गाय वापस नहीं मिल जाती, मैं अपनी दाढ़ी-मूंछ नहीं कटवाऊंगा और मैं लड़ता रहा।”
बछिया को अज्ञात बदमाशों ने 11 फरवरी 2021 को गौशाला से चुरा लिया था। दुलाराम ने 14 दिसंबर 2021 को सरदारशहर थाने में रिपोर्ट दी, लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। 21 दिसंबर को जिला पुलिस अधीक्षक के दखल के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई, लेकिन कुछ दिनों बाद ही पुलिस ने मामले में अंतिम रिपोर्ट (एफआर) लगा दी थी।
दुलाराम की पत्नी माली देवी ने बताया, “हममें किसी में लड़ने की हिम्मत नहीं थी लेकिन मेरे पति नहीं झुके। वह रोज थाने जाते थे और पुलिसकर्मियों की डांट खाकर और पैसे देकर आते लौट आते थे और घर आकर रोते थे। ’’
पुलिस की निष्क्रियता से तंग आकर दुलाराम ने टॉवर पर चढ़ने का फैसला किया ताकि उनकी आवाज 30 नवंबर 2022 को विधानसभा उपचुनाव के सिलसिले में चूरू आए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक पहुंच सके।
दुलाराम ने बताया कि “जब यह खबर पुलिसकर्मियों तक पहुंची, तो वे हरकत में आ गए। पुलिस ने मौके पर आकर मुझे आश्वासन दिया कि वे गाय का डीएनए टेस्ट करवाएंगे और जांच करेंगे। फिर मैं टॉवर से नीचे उतर गया।”
चार जनवरी 2023 को दुलाराम के पास मौजूद बछिया की मां और चोरी हुई बछिया का सैंपल लेकर उसे जांच के लिए हैदराबाद भेजा गया था। जांच रिपोर्ट पांच महीने बाद 20 मई को आई जिसके बाद सरदारशहर निवासी गंगाराम प्रजापत के घर से गाय लाकर दुलाराम को सौंप दी गई।
तारानगर के उपाधीक्षक ओम प्रकाश गोदारा ने बताया कि “डीएनए जांच रिपोर्ट आने के बाद, हमने कार्रवाई की और गायों की कब्जे में लेकर दुलाराम को सौंप दी। आरोपियों के खिलाफ जांच जारी है और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।”
दुलाराम ने कहा,”मैं इन गायों को पाकर आज बहुत खुश हूं। सच्चाई की जीत हुई है। मेरा सबसे बड़ा दुख यह है कि गरीबों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है।”
अब दुलाराम और उसका परिवार गाय चोरी के आरोपियों और मामले में बार-बार एफआर लगाने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई चाहता है। दुलाराम ने कहा कि वह अपनी मांगों को लेकर थाने के सामने प्रदर्शन करेंगे।