युद्ध या प्राकृतिक आपदाओं के कारण देश की सीमा में विस्थापित होने वाले लोगों की संख्या यूक्रेन युद्ध के कारण 2022 में रिकॉर्ड 7.11 करोड़ पहुंच गयी है। ‘नॉर्वेजियन रिफ्यूजी काउंसिल’ के ‘इंटरनल डिस्प्लेसमेंट मॉनिटरिंग सेंटर’ की बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण 2022 के अंत तक करीब 59 लाख लोग यूक्रेन के भीतर ही विस्थापित होने (अपना घर छोड़कर दूसरी जगह जाने) को मजबूर हुए।
इसके साथ ही युद्ध और हिंसा के कारण देश के भीतर ही विस्थापित होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर दुनिया में 6.2 करोड़ से ज्यादा हो गई जो 2021 के मुकाबले 17 फीसदी ज्यादा है। सीरिया में एक दशक से भी लंबे गृह युद्ध के बाद वहां 68 लाख लोग विस्थापित हुए हैं। बाढ़, अकाल आदि प्राकृतिक आपदाओं के कारण देश के भीतर ही विस्थापित होने वाले लोगों की संख्या 2022 में 87 लाख थी जो 2021 के मुकाबले 45 प्रतिशत ज्यादा है। रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में देश के भीतर ही कुल 7.11 करोड़ लोग विस्थापित हुए और यह संख्या 2021 के मुकाबले 20 प्रतिशत ज्यादा है। देश के भीतर विस्थापित होने से तात्पर्य व्यक्ति द्वारा किन्हीं कारणों से अपने ही देश में एक जगह से दूसरे जगह जाना है।
‘इंटरनल डिस्प्लेसमेंट मॉनिटरिंग सेंटर’ ने अपनी रिपोर्ट में देश छोड़कर जा चुके लोगों को शामिल नहीं किया है।” यूक्रेन, सीरिया, इथोपिया और अन्य जगहों पर साल भर से जारी युद्ध और संघर्षों से 2023 में भी कोई राहत नहीं है। संयुक्त राष्ट्र की विस्थापितों/आव्रजकों से संबंधित एजेंसी के अनुसार, सूडान में सेना और विरोधी अर्धसैनिक समूह के बीच जारी संघर्ष के कारण इसी सप्ताह 7,00,000 लोग देश के भीतर विस्थापित हुए हैं। ‘इंटरनल डिस्प्लेसमेंट मॉनिटरिंग सेंटर’ ने मौसमी गतिविधि ‘अल नीना’ को आंतरिक विस्थापन के लिए सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा बताया। रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘अल नीना’ की वजह से पाकिस्तान, नाइजीरिया, ब्राजील में भीषण बाढ़ आई तथा सोमालिया, केन्या और इथोपिया में सूखे ने तबाही मचाई ।