गलत खानपान, खराब नींद के पैटर्न और व्यस्त जीवन शैली की वजह से इन दिनों लोगों की सेहत काफी प्रभावित हो रही है। इन दिनों काम के बढ़ते बोझ की वजह से लोग अक्सर खानपान के प्रति लापरवाही करने लगते हैं। ऐसे में कुछ भी गलत खाने-पीने की वजह से हमारा लिवर काफी प्रभावित होता है। आपके खानपान की आदतें आपके लिवर को इस तरह प्रभावित कर सकता है कि इसकी वजह से आप फैटी लिवर जैसी समस्या के शिकार हो सकते हैं।
फैटी लिवर की समस्या आगे चलकर लिवर फेलियर या लिवर सिरोसिस का कारण बन सकती है। ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि अपनी लाइफस्टाइल में उचित बदलाव करते हुए अपने लिवर को हेल्दी बनाया जाए। साथ ही अगर आप फैटी लिवर की समस्या से पीड़ित हैं, तो आयुर्वेदिक तरीके से इससे राहत पा सकते हैं। लेकिन उपचार जानने से पहले जानते हैं कि आखिर फैटी लिवर क्या होता है?
फैटी लिवर क्या है?
फैटी लिवर एक ऐसी स्थिति है, जहां लिवर पर जमा अधिक मात्रा में वसा यानी फैट लिवर के कामकाज को प्रभावित करता है। धीरे-धीरे यह फैट इसे फाइब्रॉएड लीवर में बदल सकता है। लिवर की सतह पर फैट का जमा होने का प्रमुख कारण शराब का अत्यधिक सेवन या अस्वास्थ्यकर जीवनशैली और खान-पान होता है। इस स्थिति को NAFLD (गैर-अल्कोहल फैटी लिवर रोग) के रूप में जाना जाता है।
फैटी लिवर एक ऐसी बीमारी है, जिसके कोई लक्षण नहीं होते, लेकिन लंबे समय में यह लिवर के स्वास्थ्य को कमजोर कर सकता है और सूजन, वजन बढ़ना और पाचन संबंधी विकार पैदा कर सकता है। इसके अलावा यह मधुमेह, दिल के दौरे और स्ट्रोक का कारण भी बन सकता है। ऐसे में फैटी लिवर की समस्या से राहत पाने में ये आयुर्वेदिक चाय आपके लिए काफी फायदेमंद साबित होगी। तो चलिए जानते हैं इस चाय को बनाने का आसान तरीका-
सामग्री
1/2 छोटा चम्मच अदरक पाउडर
1/2 छोटा चम्मच मेथीदाना
1/2 छोटा चम्मच हल्दी
1 छोटा चम्मच नींबू का रस
2-3 पुदीने के पत्ते
आयुर्वेदिक चाय बनाने का तरीका-
फैटी लिवर के लिए आयुर्वेदिक चाय बनाने के लिए सबसे पहले एक बर्तन में एक ग्लास पानी उबालें।
अब इसमें सभी सामग्रियों को मिलाकर अच्छे से उबालें।
इसे तब तक उबालें, जब तक यह आधा ग्लास न हो जाए।
जब यह मिश्रण अपनी मात्रा के आधा रह जाए, तो इसे छान लें।
आप सुबह या शाम इस आयुर्वेदिक चाय का आनंद ले सकते हैं।
आयुर्वेदिक चाय के फायदे
यह आयुर्वेदिक चाय लिवर पर जमा अतिरिक्त फैट को कम करने में मदद करती है।
अदरक में मौजूद जिंजरोल नामक तत्व सूजन को कम करने में मदद करता है। साथ ही यह सेलुलर डैमेज से बचाता है और लिवर की सुरक्षा करता है।
साथ ही मेथीदाने में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और पॉलीफेनोलिक कंपाउंड लिवर की हेल्द में सुधार करता है।
वहीं, हल्दी में मौजूद एंजाइम लिवर की सतह पर मौजूद फैट को बर्न करने में मदद करती है और सूजन को भी ठीक करती है।