स्कैबीज एक स्किन इंफेक्शन है, जो एक प्रकार के कीटाणु द्वारा होता है। इसमें खुजली, चकत्ते और दाने की प्रॉब्लम होती है। इससे पीड़ित व्यक्ति को बहुत ज्यादा और लगभग हर वक्त ही खुजली होती रहती है जिस वजह से नींद न आने की भी प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता है। ये एक इंसान से दूसरे इंसान तक बेहद आसानी से फैल सकती है।
स्कैबीज की वजह
स्कैबीज का कारण एक प्रकार का कीटाणु होता है जिसे सर्कोप्स स्कैबी कहते हैं। ये छोटे कीड़े त्वचा के नीचे सुरंग बनाते हैं और गंभीर खुजली का कारण बनते हैं। यह कीड़ा एक छोटी सी ब्राउनिश-ग्रे रंग की चींटी की तरह दिखता है। जो लगभग 0.3 मिलीमीटर लंबा होता है। यह कीट त्वचा में छेद करते हैं जिससे त्वचा में सुरंगनुमा छेद बन जाते है और उनमें मादा कीट अपने अंडे देती है। अण्डे फूटने पर उनसे निकलने वाले ये कीट त्वचा में अलग दिशाओं में या शारीरिक सम्पर्क के दौरान दूसरे शरीर में फैलने लगते हैं। ये कीट कपड़े या बिस्तर पर भी तीन से चार दिन तक जिंदा रह सकते है। कमजोर इम्युनिटी वालों में तो स्कैबीज और जल्दी फैलता है और गंभीर होते जाता है।
स्कैबीज के शुरुआती लक्षण अस्थायी हो सकते हैं और आमतौर पर इस संक्रमण के लक्षणों का पता लगाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। इसलिए, इस बीमारी के बारे में समझदारी बरतना और इसके लक्षणों को जानना बहुत महत्वपूर्ण है।
स्कैबीज के शुरुआती लक्षण
खुजली: स्कैबीज संक्रमण का सबसे प्रमुख लक्षण खुजली होता है। यह खुजली शरीर के अलग-अलग जगहों पर हो सकती है, जैसे कि हाथ, पैर, नाक आदि। खुजली बहुत ही असहनीय हो जाती है जिससे त्वचा पर घाव भी बन जाते हैं और ये घाव संक्रमण को बढ़ाने का काम करते हैं।
दाने: स्कैबीज संक्रमण का दूसरा लक्षण दाने होना है। इन दानों का आकार छोटा होता है और इन्हें आसानी से देखा नहीं जा सकता है।
इन अंगों में हो सकती हैं स्कैबीज की समस्या
कलाई
कोहनी
बगल या आर्मपिट
निप्पल
लिंग
कमर
नितंब
उंगुलियों के बीच का हिस्सा
इस बीमारी से बचे रहने के लिए अपनाएं ये उपाय
स्कैबीज से बचने के लिए स्वच्छता का ध्यान रखें। आपको अपने शरीर को साफ और स्वच्छ रखना चाहिए।
स्कैबीज माइट्स को मारने और खुजली से राहत पाने के लिए एलोवेरा जेल का इस्तेमाल करें।
स्कैबीज के माइट्स फर्नीचर, कपड़ों और बिस्तर से भी फैल सकते हैं, तो शरीर के साथ-साथ इन चीज़ों को भी साफ-सुथरा रखें।
स्कैबीज के ट्रीटमेंट के लिए डॉक्टर क्रीम, लोशन या मलहम लगाने की सलाह देते हैं। इसके अलावा इसके इलाज के लिए ओरल मेडिसिन भी आती हैं।