पुलिस अधीक्षक मोहित हाण्डा के निर्देशानुसार कार्रवाई करते हुए थाना प्रताप नगर पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। अप्रैल माह में हिमाचल के पांवटा निवासी अनिल कुमार से 7 लाख रूपये की लूट को अंजाम देने वाले डायल 112 के पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया हैं। आरोपियों की पहचान डायल 112 पर तैनात एसपीओ मनजीत सिंह, जसबीर सिंह व एएसआई रामभूल के रूप में हुई है।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ डकैती का केस दर्ज किया गया है। इन आरोपियों के अन्य साथी फरार हैं। उनकी तलाश की जा रही है। उन्हें भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। लूटी हुई रकम बरामद कर वापस की जाएगी। वहीं पुलिस अधीक्षक ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों एसपीओ को बर्खास्त कर दिया है। एएसआई रामभूल को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा।
तीन पुलिस कर्मियों पर डकैती का मामला दर्ज
थाना प्रबंधक प्रतापनगर राकेश कुमार ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के पांवटा साहिब की शिव कालोनी निवासी अनिल कुमार ने शिकायत दर्ज करवाई की उसका पांवटा साहिब में कालेज व होटल है। 27 अप्रैल को उन्होंने कॉलेज के खाते से पांच लाख रुपये निकलवाए और 29 मार्च को दो लाख रुपये अपने खाते से निकलवाए। यह सात लाख रुपये लेकर वह कालेज के लिए फर्नीचर लेने निकला था। जब वह प्रतापनगर से निकलकर यमुनानगर की ओर पहुंचा। तभी एक युवक ने हाथ देकर उसकी गाड़ी रूकवाई। युवक ने उससे जगाधरी जाने के लिए लिफ्ट मांगी। उसे विद्यार्थी समझकर गाड़ी में बिठा लिया।
वहीं कुछ दूर चलने पर उस युवक ने बैग से लैपटाप निकाला और कुछ काम करने लगा। आरोपी युवक ने उसे कहा कि नेट नहीं चल रहा है। इसलिए गाड़ी रोक दो। जैसे ही अनिल ने गाड़ी को साइड में लगाया। तभी उस युवक ने फोन किया और पीछे से डायल 112 गाड़ी आकर उनके पास रूकी। जिसमें तीन पुलिसकर्मी वर्दी में थे और एक सिविल में था। यह पुलिसकर्मी अनिल को धमकाने लगे और उसकी गाड़ी से चाबी निकाल ली। आरोपी पुलिसकर्मियों ने गाड़ी की तलाशी ली और बैग से सात लाख रुपये व दो ब्लैंक चेक उठा लिए। इसके बाद आरोपी उसे वहीं रूकने के लिए कहकर डायल 112 की गाड़ी में चले गए। तभी वहां से गुजर रहे राहगीर से अनिल ने मदद मांगी और थाना छछरौली प्रभारी के सरकारी नंबर पर काल कर इस बारे में जानकारी दी।
सरकार की नीति भ्रष्टाचार के प्रति जोरो टॉलरेंस
पुलिस अधीक्षक नें अधिकारियों वा कर्मचारियों को निर्देश दिया कि हरियाणा सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टालरेंस नीति दृढ़तापूर्वक लागू करके तथा भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने हेतु भ्रष्टाचार में किसी भी प्रकार की शिकायत में पाये जाने पर किसी भी कर्मचारी को बख्सा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार में किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की संलिप्तता पाए जाने पर सख्त से सख्त नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी।