रामपुर: सपा के कद्दावर नेता आजम खां के बेटे अब्दुल्ला को दो साल की सजा होने से विधायकी जाने के बाद स्वार विधानसभा क्षेत्र में हो रहे उपचुनाव में हिंदू-मुस्लिम वोटों की राजनीति हावी हो गई है। एक तरफ यहां भाजपा गठबंधन ने अपनी सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) के प्रत्याशी शफीक अहमद अंसारी को मैदान में उतारकर मुस्लिम कार्ड खेला है, तो सपा ने जिला पंचायत सदस्य अनुराधा चौहान को मैदान में उतारकर हिंदू कार्ड से पलटवार किया है।
2017 में अब्दुल्ला आजम को ठहराया अयोग्य
स्वार विधानसभा क्षेत्र को अब सपा का गढ़ कहा जा रहा है। मुस्लिम बाहुल्य विधानसभा क्षेत्र के रूप में स्वार की गिनती होती है। स्वार से 2017 में अब्दुल्ला आजम चुनाव जीते थे, लेकिन जन्म प्रमाण पत्र विवाद में हाईकोर्ट ने उन्हें अयोग्य ठहरा दिया जिससे विधायकी चली गई थी।
छजलैट प्रकरण में मुरादाबाद कोर्ट ने सुनाई 2 साल की सजा
इसके बाद 2022 के चुनाव में भी अब्दुल्ला आजम ने चुनाव जीता था, लेकिन छजलैट प्रकरण में मुरादाबाद कोर्ट से उन्हें दो साल की सजा होने पर विधायकी चली गई थी। इसके बाद उपचुनाव हो रहा है। 2022 के चुनाव में अब्दुल्ला के मुकाबले भाजपा ने अपना प्रत्याशी उतारने के बजाए सीट अपना दल एस के खाते में दे दी थी। अपना दल ने पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां के बेटे हैदर अली खां उर्फ हमजा मियां को प्रत्याशी बनाया था।