जशपुर के बगीचा ब्लॉक में पहाड़ी कोरवा के परिवार के चार सदस्यों की मौत का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा। अब यह मामला राजभवन तक पहुंच गया है। बीजेपी और कांग्रेस इस मामले को लेकर आमने सामने आ गई है। बीजेपी ने आत्महत्या मामले में एक 6 सदस्यीय टीम बनाई थी और अब मामले की जांच कर लौटी टीम ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए पहाड़ी कोरवा परिवार की खुदकुशी की वजह भूखमरी को बताया है। वहीं इस मामले में भाजपा विधायक और सांसद ने राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन से मुलाकात की और परिस्थितियों से अवगत कराया, साथ ही मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने का आदेश देने का अनुरोध किया। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, धरमलाल कौशिक, सांसद सुनील सोनी सहित कुल 18 नेता शामिल रहे।
वही इस पूरे मामले में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने सरकार पर निशाना साधा और कहा कि बीजेपी का जांच दल जसपुर गया था और वहां के हालतों से पता चला है कि परिवार में खाद्यान्न की कमी थी। भूख से तंग आकर ही एक परिवार के 4 लोगों को आत्महत्या के मजबूर होना पड़ा और पूरे परिवार ने एक साथ आत्महत्या करली।
वहीं कांग्रेस के संचार प्रमुख सुशील आनद शुक्ला ने पलटवार करते हुए कहा कि पहाड़ी कोरवाओं की सामूहिक आत्महत्या के मामले में झूठ परोसने भाजपा नेता राजभवन गए थे। बीजेपी मौतों और लाशों पर राजनीति करती है बीजेपी दावा कर रही है कि भूख के कारण मौत हुई है लेकिन रिपोर्ट में मार्च माह तक उनको राशन मिला फिर कैसे उनकी मौत भूख से हो सकती है। ऐसी बातें सामने आ रही है कि आपसी कलह से पहाड़ी कोरबा परिवार ने ख़ुदकुशी की है।
बता दे कि जशपुर के बगीचा ब्लॉक के सामरबहार गांव के डुमरपारा में पहाड़ी कोरवा दंपती ने अपने दो मासूम बच्चों के साथ आत्महत्या कर ली थी। लेकिन पुलिस अभी तक आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं कर पाई है।