बिहार पुलिस ने रामनवमी के अवसर पर नालंदा जिले के बिहार शरीफ में हुए सांप्रदायिक दंगे के मामले में पांच और लोगों को गिरफ्तार किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि उक्त पांच आरोपियों को बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओयू) ने गिरफ्तार किया है।
उन्होंने बताया कि कुछ अन्य मामलों में भी संलिप्त और नालंदा सांप्रदायिक हिंसा मामले में वांछित दो आरोपियों ने रविवार को पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया। ईओयू अदालत से उनकी हिरासत मांगेगी। ईओयू यह भी जांच कर रही है कि आत्मसमर्पण करने वाले आरोपियों का संबंध किसी संगठन से तो नहीं है।
बिहार पुलिस के अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) जे एस गंगवार ने बताया, ‘‘ ईओयू की जांच में खुलासा हुआ कि आरोपियों ने व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया और इसके जरिये अलग-अलग समुदायों के खिलाफ लोगों में घृणा फैलाया। आरोपी ने फर्जी वीडियो के जरिये भी अलग-अलग समुदायों के लोगों को उकसाया। ईओयू ने आरोपियों से पांच मोबाइल फोन बरामद किए हैं जिनकी जांच की जा रही है।’’
उन्होंने बताया कि ईओयू नालंदा और सासाराम (रोहतास जिला) में सांप्रदायिक तनाव के दौरान सोशल मीडिया मंच के जरिये फर्जी वीडियो और संदेश प्रसारित करने वाले लोगों को पकड़ने के लिए अलग से जांच कर रही है और आठ अप्रैल को 15 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। गंगवार ने बताया कि जिन पांच आरोपियों को पकड़ा गया है वे नामजद थे।
एडीजी ने कहा, ‘‘बिहार पुलिस ने नालंदा और रोहतास जिले में हुई हिंसा की घटनाओं को लेकर ईओयू की प्राथमिकी सहित कुल 20 मामले दर्ज किए हैं…200 से अधिक लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।’’
बिहार पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहचान गुप्त रखते हुए बताया कि संपत्ति कुर्क करने के भय से सांप्रदायिक हिंसा के कई आरोपियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करना शुरू कर दिया है।