पटना: नौकरी के बदले जमीन देने के मामले में लालू परिवार को बड़ी राहत मिली है। RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती को जमानत मिल गई है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 50 हजार के निजी मुचलके पर तीनों को जमानत दी है। इस मामले में अब 29 मार्च को अगली सुनवाई होगी।
बता दें कि सुनवनाई के लिए लालू को व्हीलचेयर पर लेकर पत्नी राबड़ी देवी और बेटी राज्यसभा सांसद मीसा भारती कोर्ट के अंदर पहुंचीं थीं। इस दौरान उन्होंने मीडिया से दूरी बनाए रखी। कोर्ट ने 27 फरवरी को लालू की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती समेत 14 अन्य आरोपियों को समन जारी किया था।
वहीं इस मामले में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव मंगलवार को तीसरी बार केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की पूछताछ में शामिल नहीं हुए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 4 मार्च और 11 मार्च को पेश नहीं होने पर यादव को मंगलवार को पूछताछ के लिए पेश होने का नोटिस दिया गया था। अधिकारियों ने कहा कि तेजस्वी मंगलवार को तीसरे नोटिस पर भी पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए। सीबीआई ने हाल में यादव के पिता और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद और उनकी पत्नी राबड़ी देवी से क्रमश: दिल्ली और पटना में पूछताछ की थी।
सीबीआई ने नौकरी के बदले जमीन मामले में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और अन्य 14 के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र रचने और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत आरोप पत्र दाखिल किया है और सभी आरोपियों को विशेष अदालत ने 15 मार्च को पेश होने के लिए कहा है। यादव परिवार ने इन आरोपों से इनकार किया है।
क्या है मामला?
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले में पिछले साल मई में जमानत पर रिहा किए जाने के कुछ हफ्तों बाद उन्हें एक अन्य मामले में विशेष अदालत ने दोषी ठहराया। सीबीआई ने उनके और उनके परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ नौकरे के बदले जमीन लेने के आरोप में एक नया मामला दर्ज किया। यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है, उस समय लालू यादव केंद्र सरकार में रेल मंत्री थे। सितंबर 2021 में जांच करने के बाद सीबीआई ने आईपीसी की धारा 120-बी के तहत प्राथमिकी दर्ज की।