राजधानी दिल्ली के लोगों को शुक्रवार लगातार दूसरे दिन प्रदूषण का ‘गंभीर’ दंश झेलना पड़ा। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीपीसीसी) के आंकड़ों के अनुसार आज भी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई।
कमेटी के अनुसार आनंद विहार में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 408, द्वारका सेक्टर-8 में 405 ,अलीपुर में 403 जहांगीरपुरी में 423 पर दर्ज किया गया जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, सुबह बवाना में एक्यूआई 447 रहा। आनंद विहार में 408, पटपड़गंज में 404 और वजीरपुर में 411 रहा। चारों ही स्थानों पर यह ‘गंभीर’ श्रेणी में है।
उल्लेखनीय है कि वायु गुणवत्ता को शून्य से 50 के बीच के एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच को ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच को ‘मध्यम’, 201 से 300 तक को ‘खराब’ और 301 से 400 के बीच को ‘बहुत खराब’ तथा 401 से 500 तक को ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।
‘दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाए जाने की हिस्सेदारी बढ़कर 36 प्रतशित’
दिल्ली के ‘पीएम 2.5 प्रदूषण में पराली जलाए जाने से निकलने वाले प्रदूषकों की हिस्सेदारी गुरुवार को बढ़कर 36 प्रतिशत हो गई, जो इस मौसम में सर्वाधिक है। केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता निगरानी एजेंसी ने यह जानकारी दी। ‘पीएम 2.5 वायु में मौजूद 2.5 माइक्रोमीटर से कम व्यास के कण हैं।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी एजेंसी ‘सफर’ के मुताबिक, पड़ोसी राज्यों में खेतों में पराली जलाए जाने की 2,912 घटनाएं बुधवार को दर्ज की गईं, जो इस मौसम में सर्वाधिक हैं।
‘सफर’ ने कहा कि दिल्ली में पीएम 2.5 के 36 प्रतिशत सकेंद्रण के लिए पराली जलाए जाने की घटनाएं जिम्मेदार हैं। यह संकेंद्रण बुधवार को 18, मंगलवार को 23 और सोमवार को 16, रविवार को 19 और शनिवार को नौ प्रतिशत था।