प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड में संलिप्त आरोपियों के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने को लेकर बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने मंगलवार को आशंका व्यक्त की कि अपनी विफलताओं पर पर्दा डालने के लिये सरकार के निर्देश पर पुलिस कानपुर के विकास दुबे कांड की तर्ज पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।
मायावती ने मंगलवार को सिलसिलेवार ट्वीट किया कि “प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकाण्ड के बाद इस सम्बंध में काफी आपाधापी में अब तक की गई पुलिस कार्रवाई जो जनता के सामने आई है, उससे लोगों में यूपी में कानून के राज के प्रति भारी संदेह है कि क्या सरकार अपनी विफलताओं पर पर्दा डालने के लिए दूसरा ’विकास दूबे काण्ड’ करेगी।”
मायावती ने आगे लिखा, ‘वैसे पुराने राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की दिन दहाड़े हुई हत्या को लेकर यूपी सरकार खासकर कानून व्यवस्था को लेकर काफी तनाव और दबाव में है, किंतु पूरा देश देख रहा है कि क्या सरकार कानून द्वारा कानून के राज पर अमल करेगी या अपराधियों को सड़क पर समाप्त करके अपराध रोकेगी?’
गौरतलब है कि बीती 24 फरवरी को प्रयागराज में एक दुस्साहसिक वारदात में हथियारबंद बदमाशों ने पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के प्रमुख गवाह उमेश पाल और उसके दो सुरक्षाकर्मियों की ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में उमेश पाल की पत्नी जया पाल की शिकायत पर धूमनगंज थाने में पूर्व सांसद अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन, उसके दो बेटों, उसके साथी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम तथा नौ अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। मामले में शामिल बताये जा रहे अरबाज और विजय चौधरी क्रमश: 27 फरवरी और 6 मार्च को पुलिस के साथ हुई कथित मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं।