नशे के अवैध कारोबार से अर्जित कांगड़ा के एक आरोपी और उनके रिश्तेदारों की 1 करोड़ 3 लाख की चल-अचल संपत्ति को अब फ्रीज कर दिया है। आरोपी ने अपने रिश्तेदारों के नाम पर भी संपत्ति एकत्र की थी। वित्त मंत्रालय ने इसे फ्रीज करने की पुष्टि की है। पहले फ्रीज ऑर्डर हिमाचल पुलिस ने तैयार किया था। सक्षम प्राधिकारी के पास सुनवाई के बाद मंत्रालय ने यह कदम उठाया। आरोपी जोनी उर्फ जोना चन्नी इंदौरा, कांगड़ा का रहने वाला है। यह कार्रवाई एनडीपीएस एक्ट की धारा 21 के तहत की गई है। यह मामला 12 दिसम्बर, 2019 का है। तब डमटाल थाने में जोनी के कब्जे से 6.27 ग्राम हैरोइन बरामद की गई थी। अन्वेषण पूर्ण करने के उपरांत इस मामले का चालान 27 जलाई, 2022 को धर्मशाला कोर्ट में पेश किया गया था। यह वर्तमान में न्यायालय में विचाराधीन है। अगर कोर्ट से सजा हुई तो फ्रीज की गई संपत्ति सरकार में निहित हो जाएगी।
पुलिस ने वित्तीय जांच में लगाया था पता
पुलिस ने अवैध संपत्तियों की वित्तीय जांच भी की। जांच के दौरान पाया गया कि आरोपी ने अपने व अपने रिश्तेदारों के नाम से नशीले पदार्थों के व्यापार से 94,00,866 रुपए की अवैध संपत्ति अर्जित की। संपत्तियों को जब्त/फ्रीज करने का मामला जिला पुलिस द्वारा भारत सरकार, वित्त मंत्रालय, राजस्व विभाग, नई दिल्ली के सक्षम प्राधिकारी एवं प्रशासक के समक्ष उठाया गया था। पिछले महीने 3 जनवरी को संयुक्त आयुक्त, वित्त मंत्रालय, राजस्व विभाग, भारत सरकार (सक्षम प्राधिकारी और प्रशासक) नई दिल्ली द्वारा एनडी एंड पीएस एक्ट की धारा 68 एफ (1) के तहत आरोपी व्यक्ति जोनी उर्फ जोना और उसके रिश्तेदारों की संपत्ति 94,00,866 रुपए (यानी डबल स्टोरी हाऊस, सिंगल स्टोरी हाऊस, महिंद्रा एक्सयूवी 500, 2 मोटरसाइकिलें, 2 पीएनबी मैट लाइफ पॉलिसी, 3 एफडी, 4 बैंक खाते और घर से बरामद नकदी) को जब्त/फ्रीज करने का आदेश जारी किया है। अब इसकी पुष्टि हो गई है।
डीजीपी ने थपथपाई पीठ
पुलिस महानिदेशक हिमाचल प्रदेश संजय कुंडू ने इस मामले में वित्तीय जांच करने के लिए पुलिस अधीक्षक, पुलिस जिला नूरपुर और थाना प्रभारी डमटाल को बधाई दी है। उन्होंने बताया कि पुलिस नशा तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है। इसमें बड़े मगरमच्छों को भी बख्शा नहीं जाएगा। चाहे वह कोई भी हो।
क्या बोले एसपी नूरपुर
एसपी नूरपुर अशोक रतन ने बताया कि कुल 1 करोड़ 3 लाख की चल-अचल संपत्ति फ्रीज होने की कन्फर्मेशन हुई है। वित्त मंत्रालय से इसकी कन्फर्मेशन हुई है। अब आरोपी और उसके रिश्तेदार इसे उपयोग में नहीं ला पाएंगे। जैसे ही केस में आरोपी को सजा होगी, वैसे ही यह संपत्ति सरकार की हो जाएगी।