गाजियाबाद न्यायालय परिसर में दहशत फैलाने से करीब 13 घंटे पहले ही तेंदुआ कोर्ट परिसर में प्रवेश कर गया था। इस पूरी अवधि में वह कोर्ट परिसर के छत के गेट के पास आराम फरमाता रहा। तेंदुए ने लोगों पर हमला करना तब शुरू किया जब उसके सामने कोर्ट स्टाफ और एक पुलिसकर्मी पहुंचे।
बार एसोसिएशन के सचिव नितिन यादव ने बताया कि बुधवार आधी रात के बाद दो बजकर 53 मिनट पर तेंदुआ दिखाई दिया था। कोर्ट परिसर में पार्किग के पास लगे सीसीटीवी कैमरे में उसकी तस्वीर कैद हुई है। न्यायालय परिसर में बुधवार शाम को घुसे तेंदुए को लेकर बृहस्पतिवार को भी दहशत का माहौल रहा, तेंदुआ भले ही जिले की सीमा से कोसों दूर शिवालिक के जंगल में पहुंचा दिया गया है, लेकिन लोगों की जुबान पर एक ही सवाल था कि वह आखिर न्यायालय परिसर में कैसे घुसा? दिन भर कोर्ट परिसर में तेंदुए की ही चर्चा रही, अधिवक्ता जगह-जगह खड़े होकर तेंदुए के दहशत के निशान देख रहे थे। गुरुवार को न्यायालय परिसर से लेकर कलेक्ट्रेट तक लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला गया।
न्यायालय परिसर की सुरक्षा में तैनात पीएसी के जवानों से वार्ता की गई, जिससे तेंदुए के प्रवेश के समय के बारे में जानकारी मिली। जब तेंदुआ कोर्ट परिसर में प्रवेश कर रहा था तब न्यायालय परिसर में कुत्ते भौंक रहे थे, उस समय पीएसी के जवानों ने टार्च की रोशनी से चेक किया लेकिन कोई नजर नहीं आया। बाद में सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि तेंदुआ 2.53 बजे न्यायालय परिसर में आया और परिसर में घूमने के बाद चैनल गेट के खुला होने की वजह से तीसरी मंजिल पर चला गया। न्यायालय भवन के छत के दरवाजे पर ताला लगा होने के कारण वह छत पर नहीं जा सका। छत पर सामान्य तौर पर कोई व्यक्ति आता-जाता नहीं है।
छलांग लगाते दिखा तेंदुआ
अधिवक्ता राकेश उपाध्याय भी शाम चार बजे तृतीय तल पर ही मौजूद थे। जब एसीजेएम-तीन के यहां कार्यरत बाबू राहुल और सिपाही जितेंद्र को सीढ़ियों के रास्ते भागते देखा तो कुछ पूछते इससे पहले ही तेंदुआ छलांग लगाते हुए नजर आया। वह भागकर सीढ़ियों के सामने स्थित कक्ष में घुस गए, उनके साथ चार अन्य लोग थे। शाम छह बजे जब भूतल पर तेंदुए के चैनल गेट में बंद होने की जानकारी मिली तो कमरे से बाहर निकले। नहीं मिला संभलने का मौका: राहुल का पीछा करने के बाद तेंदुआ वापस मुड़ा और वह सीजेएम कोर्ट की ओर जाने लगा। उसे देख शोर मचाकर लोग भागने लगे।