शहर में इन दिनों कुछ युवक नकली किन्नर बनकर कस्बा के मकान की ओर दुकानों पर जाकर अवैध रूप से उगाई करने काम कर रहे है। जिसे लेकर असली किन्नर काफी चिंचित दिख रहे है और उन्होंने लोगों से उनसे सावधान रहने की अपील की है।
बता दें कि पैसे की लालच इंसान को कुछ भी करने के लिए मजबूर कर देता है। लोग यह नहीं सोचते है कि वह कौन सा काम कर रहे है। ऐसे में सोहना में असली किन्नरों का जिना हराम हो रहा है। क्योंकि कुछ लोग असली किन्नर न होते हुए भी रूप बदलकर बधाई मांग रहे है। वहीं किन्नर समाज की प्रधान सीमा सिसोदिया ने कहा है कि उन्हें कस्बा के कई जजमानों से जानकारी मिली है और कॉल भी आ रही है कि कुछ युवक किन्नर का रूप धारण करके दुकानों से शाम के समय और रात में बधाई मांगते है, लेकिन जब तक असली किन्नर पहुंचते है तब तब वो भाग जाते है।
सोहना में रहने वाले किन्नर समाज के लोगों की भूमिका अभी तक काफी अच्छी रही है। वे धार्मिक प्रवर्ति की है, जो समय-समय पर सोहना में भागवत कथा कराते रहते थे और इलाके में अमन शांति से रहते है। इतना ही नही कोविड़ काल के दौरान भी किन्नर समाज ने अपनी अहम भूमिका निभाते मास्क और सेनेटाइटर और गरीबों को राशन वितरित किया था। उस दौरान इन लोगों ने काफी सराहनीय काम किया था इतना ही नहीं ये लोग गरीब परिवारों की बेटियों की शादी में कन्यादान के रूप में दहेज का पूरा समान देते हैं। साथ ही गरीब बच्चों की पढ़ाई का भी जिम्मा उठाते है,लेकिन नकली किन्नरों ने सोहना के किन्नर समाज के लोगों की परेशानी को बढ़ा दिया है। आगे देखने वाली बात होगी कि ये नकली किन्नर कौन है और उनकी पहचान कब तक होती है।