राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा रादौर क्षेत्र के सरस्वती नगर में एक कार्यक्रम में पंहुचे थे यहां उन्होंने शुगर मिलों में साढ़े पांच हजार करोड़ का घाटा बताकर किसानों को खुद शुगर मिल चलाने के मुख्यमंत्री के प्रस्ताव को गैर-जिम्मेदाराना बताते हुए कहा कि हरियाणा सरकार पर तो सवा तीन लाख करोड़ से अधिक का कर्जा है फिर तो मुख्यमंत्री को सरकार भी छोड़ देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने गन्ने का रेट सिर्फ 10 रुपये बढ़ाया है जो किसान के खून-पसीने की कमाई के साथ क्रूर मजाक है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की पूर्ववर्ती हुड्डा सरकार के समय पूरे देश में सबसे ज्यादा गन्ने का भाव हरियाणा में मिलता था। उन्होंने कहा कि हुड्डा सरकार ने हर साल गन्ने के भाव में 18% औसत वृद्धि की तो बीजेपी सरकार ने सिर्फ 2% औसत ही वृद्धि की। उन्होंने यह भी बताया कि हुड्डा सरकार के समय गन्ना किसानों को साथ के साथ भुगतान भी मिलता था और 2014 में जिस दिन हमने सरकार छोड़ी थी, किसानों का एक पैसा गन्ना मिलों पर बकाया नहीं था। वहीं उन्होंने कहा कि एक फरवरी से पार्टी हाथ से हाथ जोड़ो अभियान चलाकर जनता को सरकार की जन विरोधी नीतियों से अवगत कराएगी।