दिल्ली उच्च न्यायालय ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की ओर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा के खिलाफ दायर मानहानि के मामले की निचली अदालत की कार्यवाही पर बुधवार को रोक लगा दी। सिसोदिया ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के लिए वर्मा सहित भाजपा के छह नेताओं के खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने नोटिस जारी कर वर्मा की याचिका पर सिसोदिया से जवाब मांगा है।
वर्मा ने अपनी याचिका में निचली अदालत के 28 नवंबर 2019 के आदेश को चुनौती दी है जिसमें उन्हें मामले में आरोपी के तौर पर तलब किया गया है। अदालत ने कहा कि नोटिस जारी करें और इस बीच याचिकाकर्ता के खिलाफ कार्यवाही पर रोक रहेगी। अदालत ने याचिका को सुनवाई के लिए 10 मार्च को सूचीबद्ध कर दिया जब सह आरोपियों भाजपा सांसद हंस राज हंस और पार्टी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा एवं पार्टी प्रवक्ता हरिश खुराना की याचिकाएं भी सूचीबद्ध हैं। उच्च न्यायालय ने पहले हंस, सिरसा और खुराना के खिलाफ मामले में कार्यवाही पर रोक लगा दी थी।
निचली अदालत ने 28 नवंबर 2019 को एक आदेश पारित कर छह लोगों को आपराधिक मानहानि मामले में आरोपी के रूप में तलब किया था। सिसोदिया ने दिल्ली सरकार के स्कूलों में क्लासरूम के निर्माण की लागत बढ़ाकर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के लिए भाजपा सांसद मनोज तिवारी, हंस, वर्मा, सिरसा और खुराना के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। आरोपियों को पहले ज़मानत दे दी गई थी।