दिल्ली की एक अदालत ने एअर इंडिया की उड़ान में एक बुजुर्ग महिला सह-यात्री पर पेशाब करने के आरोपी शंकर मिश्रा की जमानत अर्जी पर बुधवार को फैसला सुरक्षित रख लिया।
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोमल गर्ग ने उस याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया, जिसमें कहा गया था कि उक्त कृत्य यौन इच्छा से प्रेरित नहीं था और इसका उद्देश्य शिकायतकर्ता का शील भंग करना नहीं था। एक अन्य मजिस्ट्रेट अदालत ने मिश्रा को पुलिस की हिरासत में भेजने से इनकार करते हुए शनिवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। यह घटना पिछले साल 26 नवंबर को न्यूयॉर्क से दिल्ली आने वाली एअर इंडिया की एक उड़ान के ‘बिजनेस क्लास’ में हुई थी।
वहीं, शंकर मिश्रा के वकील ने कहा कि वे फ्लाइट में शराब पीने के बाद खुद को नियंत्रित नहीं रख सके, लेकिन पेंट की जिप खोलना यौन इच्छा के लिए नहीं था। शिकायतकर्ता का मामला उसे एक कामुक व्यक्ति के रूप में नहीं रखता है। मुकदमे में समय लगेगा, लेकिन इन आरोपों के बाद शंकर मिश्रा को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है।