निकिता तोमर मर्डर केस इन दिनों सुर्खियों में है। यह पूरा प्रकरण किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। आरोपी और पीड़िता ने बारहवीं तक साथ-साथ पढ़ाई की थी। इसके बाद आरोपी तौसिफ ने कथित तौर पर खौफनाक कदम उठा लिया और साथ पढ़ने वाली निकिता की जीवन लीला ही समाप्त कर दी।
21 वर्षीय तौसिफ फिजियो थेरेपिस्ट का कोर्स कर रहा है। शुरुआती जांच के मुताबिक, उसने इस वारदात को अकेला अंजाम नहीं दिया। इसमें उसके दोस्त रेहान ने भी मदद की। तौसिफ एक राजनीतिक रसूखदार परिवार से संबंध रखता है। उसके दादा कबीर अहमद विधायक रह चुके हैं, जबकि चाचा खुर्शीद अहमद हरियाणा के पूर्व मंत्री रहे हैं। इसके अलावा अन्य रिश्तेदार आफताब अहमद वर्तमान में कांग्रेस के नूंह (मेवात) से विधायक हैं।
निकिता ने जिस प्राइवेट स्कूल में पांचवीं से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई की, उसी स्कूल में आरोपी तौशीफ भी पढ़ता था। वह, यहां हॉस्टल में रहता था। इसी दौरान वह निकिता से एकतरफा प्यार करने लगा। वह निकिता का प्यार पाने के लिए उसे बार-बार परेशान भी किया करता था।
अगर आरोपों को सही मानें तो उसने 2018 में निकिता का अपहरण कर लिया था। उसके खिलाफ बल्लभगढ़ थाने में मामला भी दर्ज किया गया था। इस समय निकिता नाबालिग थी। तौशीफ और उसके परिवार वालों ने माफी मांग ली, जिसके बाद निकिता के पिता ने मुकदमा वापस ले लिया। हालांकि, तौशीफ का एकतरफा प्यार खत्म नहीं हुआ।
आरोप है कि तौशीफ को जब उसका प्यार नहीं मिला तो उसने निकिता की जीवनलीला समाप्त करने की ठान ली। सोमवार को फरीदाबाद में मिल्क प्लांट रोड पर अग्रवाल कॉलेज से परीक्षा देकर घर लौट रही निकिता तोमर की उसने गोली मारकर हत्या कर दी। इसमें उसके दोस्त ने भी उसकी मदद की।
लहूलुहान हालत में निकिता को को पास के निजी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक वह दुनिया छोड़ चुकी थी। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हालांकि कथित तौर पर हत्या के बाग तौशीफ मौके से फरार होने में सफल रहा, लेकिन सीसीटीवी ने उसकी हर हरकतों को कैद कर लिया। पुलिस के हाथ लगे सीसीटीवी फुटेज से पहले तो दोनों आरोपियों की पहचान हुई। बाद में उन्हें धर दबोचा गया।