सीतापुर: उत्तर प्रदेश के सीतापुर में पुलिस कस्टडी में युवक की मौत होने से अफरा-तफरी मच गई। परिजनों ने पुलिस पर घर से बुलाकर मारने-पीटने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीं पुलिस पल्ला झाड़ते हुए कह रही है कि युवक की मौत की वजह तबीयत खराब होने से मौत हुई है। युवक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। डॉक्टरों के पैनल से मृतक का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। मृतक युवक के परिजनों ने कहा है कि वह इस मामले की शिकायत वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से करेंगे।
जानिए क्या है मामला?
मामला पिसावां थाना इलाके का है। यहां के ग्राम जिगिनिया निवासी 40 वर्षीय रामलोटन पुत्र वेदनाथ बसपा का सेक्टर प्रभारी था। रामलोटन का शव गांव के बाहर मंगलवार की सुबह खून से लथपथ शव मिला था और उसके शरीर पर गंभीर चोटों के निशान मिले थे। परिजनों ने गांव के ही 6 लोगों पर हत्या का शक जताते हुए नामजद तहरीर दी। इस कड़ी में गांव के ही नामजद आरोपियों में से राजू पुत्र जवाहर को हिरासत में लेकर पूछताछ के लिए घर से ले आई।
देर रात राजू की तबीयत बिगड़ गई- पुलिस
पुलिस के मुताबिक, देर रात राजू की तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद पुलिस और चौकीदार सन्तराम पिसावां सीएचसी पहुंचे, जहां से डॉक्टरों ने उसकी हालत गंभीर देखते हुए जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जिला अस्पताल में राजू का प्राथमिक टेस्ट करते हुए डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मृतक की मां का पुलिस पर आरोप- सब लोगों ने मिलकर मारा…
उधर, मृतक युवक की मां का कहना है कि उसके बेटे राजू को पुलिसकर्मी अपनी जीप में बिठाकर ले गए और उसको सब लोगों ने मिलकर मारा, जिससे उसकी मौत हो गई। परिजनों कहना है कि उसकी शादी होने वाली थी, लेकिन उससे पहले ही उसकी मौत हो गई। पुलिस ने जान-बूझकर उसे फंसाने के लिए कस्टडी में लिया था। पुलिस ने युवक की मौत पर जो भी बात कही है, उसपर विश्वास नहीं हो रहा है।