किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने सीएम सिटी करनाल में मुख्यमंत्री आवास पर धावा बोला। किसानों ने सीएम आवास को घेरकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसानों की संख्या को देखते हुए सीएम आवास पर भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किया गया। बिजली बिलों में नया टैक्स लगाने और कृषि उत्पादों पर ग्रामीण विकास शुल्क लगाने के सरकार के फैसले की वापसी समेत कई मांगो को लेकर सरकार को चेताया। किसान नेताओं ने कहा कि सोमवार से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र में सरकार को अपने फैसले वापस लेने चाहिए, वरना किसान एक बड़ा आंदोलन करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर किसानों ने दी चेतावनी
किसान नेता जगदीप सिंह औलख ने बताया कि प्रदेश की मनोहर सरकार लगातार किसान विरोधी फरमान सुना रही है। उन्होंने कहा कि बीते दिनों सरकार ने बिजली बिलों में एसीडी रिसीवर अमाउंट के नाम से नया टैक्स लगाया है। यह पूरी तरह गलत है। सरकार को अपने इस फैसले को वापस लेना चाहिए। इसी के साथ उन्होंने कहा कि सरकार की नजर अब किसान की फसल पर भी है। तभी तो सरकार ने प्रदेश की मंडियों में बिकने वाली किसान की फसल पर 2 प्रतिशत ग्रामीण विकास शुल्क लगाने का ऐलान किया है। इन मांगो के साथ देह शामलात, जुमला मालिकाना जमीनों को लेकर सरकार द्वारा विधानसभा में किए गए वादे को भी पूरा करने की बात किसानों ने कही। उन्होंने कहा कि सरकार वादे करने के बाद भूल जाती है। जगदीप औलख ने कहा कि खट्टर सरकार को इस फैसले को तुरंत वापस लेना चाहिए। किसान नेता ने बताया कि सीएम आवास पर दोपहर 2 बजे तक बैठ कर रोष प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद तमाम मांगो को लेकर मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा जाएगा।







