बिहार सरकार ने सारण में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या सोमवार को 38 बताई और कहा कि मरने वालों की संख्या अधिक बताया जाना ‘‘भ्रामक” है।
बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन विपक्षी भाजपा द्वारा पिछले सप्ताह शराबबंदी के बावजूद राज्य में हुई मौतों को लेकर विधानमंडल के दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित किए जाने के बीच बिहार उत्पाद एवं मद्यनिषेध मंत्री सुनील कुमार ने विधानसभा परिसर में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘सारण में जहरीली शराब के सेवन से मरने वालों की संख्या 38 है। अधिक आंकड़े जो बताए जा रहे हैं, वह भ्रामक हैं।” भाजपा नेता दावा कर रहे हैं कि इस मामले में ‘‘सौ से अधिक लोगों की मौत” हुई है। अधिकांश मीडिया की खबर में मरने वालों की संख्या 50 से अधिक बताई गई है।
भाजपा की इस दलील को किया खारिज
मंत्री ने हालांकि कहा, ‘‘यदि हमें कोई अतिरिक्त जानकारी मिलती है और सत्यापन के दौरान सही पाई जाती है तो हम मृतक संख्या में संशोधन कर सकते हैं।” उन्होंने भाजपा की इस दलील को भी खारिज कर दिया कि मृतकों के परिजनों को अनुग्रह राशि दी जाए। मंत्री ने कहा, ‘‘न तो आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) और न ही सीआरपीसी (दंड प्रक्रिया संहिता) में किसी अपराध के आरोपी व्यक्ति को मुआवजे का प्रावधान है। बिहार में मद्यनिषेध कानून के तहत किसी भी प्रकार की शराब का सेवन अवैध है।” मंत्री ने कहा, ‘‘2016 में गोपालगंज में एक जहरीली शराब त्रासदी के पीड़ितों को मुआवजा मामले में दोषी लोगों से की गई वसूली के माध्यम से प्रदान की गई थी। यह कानून के तहत प्रावधान है। सरकार इस मामले में तुरंत अनुग्रह राशि जारी नहीं कर सकती।