सर्दियों में खासकर जनवरी महीने में दिल का दौरा सबसे अधिक पड़ता है। इसका कारण है कि सर्दियों में नसें सिकुड़ जाती हैं, जिससे खून के बहाव में बाधा आती है। यह बात डा. राजेन्द्र प्रसाद मैडीकल कॉलेज टांडा के ह्नदय रोग विभागाध्यक्ष डा. मुकुल भट्टनार ने कही। उन्होंने कहा कि एक स्टडी में देखा गया है कि सुबह 6:30 बजे हार्ट अटैक के मामले सब से ज्यादा होते हैं। इसका कारण सर्दियों में हमारे खाने-पीने में बदलाव आ जाता है। जिसमें हम तली हुई वस्तुएं जैसे पकोड़े आदि व घी से बनी वस्तुओं का ज्यादा प्रयोग करते हैं जो दिल का दौरा पड़ने का कारण हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में काजू बिलकुल न खाएं। बादाम की 4-5 गिरी या एक अखरोट की गिरी रोज खा सकते हैं।
डा. मुकुल भट्टनार ने ने बताया कि 7-8 घंटों की नींद जरूर लें और कभी दिल की धड़कन बढ़ जाए या छाती में दर्द हो तो वहीं बैठ कर आराम करके नजदीकी डाक्टर के पास अपनी जांच करवाएं। बकरे का मीट न खाएं, रेड मीट या मछली को बिना तले खा सकते हैं। अंडे का केवल सफेद हिस्सा खा सकते हैं। इसके साथ ही अपने शरीर को सर्दियों में गर्म रखें। उन्होंने कहा कि जिम जाने वाले कई लोग दवाईयों का प्रयोग करते हैं। ऐसे में कोई भी दवाई डाक्टर की सलाह के बिना न खाएं।
डा. मुकुल भट्टनार ने बताया कि अचानक मौत होने के दो कारण होते हैं जिसमें अचानक मासिव हार्ट अटैक या ब्रेन स्ट्रोक में रोगी की तुरंत मौत हो जाती है। अचानक ह्नदय गति बंद होकर मौत होने का मामले कोई नए नहीं हैं। सुबह की सैर करने जल्द न निकले, सूर्य उदय के बाद मौसम गर्म होने पर जाए। अगर परिवार में या किसी नजदीकी रिश्तेदार की अचानक दिल का दौरा पडऩे से मौत हुई हो तो डाक्टर से जाकर अपनी जांच करवाएं।