उत्तर प्रदेश के बांदा जिले एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। जहां एक युवा किसान ने कर्ज के दबाव से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। लेकिन प्रशासन ने इस घटना में अपनी रिपोर्ट देने के बजाए इसे अवैध संबंध का मामला करार दे दिया। जिससे क्षेत्र के लोगों में काफी रोष व्याप्त है। बता दें कि किसान पर बैंक और सूदखोरों का लगभग 3 लाख रुपए का कर्ज था। किसान ने सोचा के इस साल फसल अच्छी है तो वह अपना सारा कर्ज उतार देगा लेकिन उसकी फसल को आवारा पशुओं ने बर्बाद कर दिया। जिससे परेशान होकर किसान ने अपने घर में फांसी के फंदे से लटक कर आत्महत्या कर ली।
खेती करके परिवार का पालन-पोषण करता था किसान
जानकारी मुताबिक मामला देहात कोतवाली क्षेत्र के लुक तारा गांव का है। जहां के निवासी युवा किसान पुष्पेंद्र यादव (22) के पिता की 3 साल पहले ही मौत हो चुकी है। जिसके बाद कोई रोजगार ना होने के बाद वह खेती करके परिवार का पालन-पोषण करने लगा। घरवालों का कहना है कि इस साल उन्होंने लगभग 3 लाख रुपए का कर्ज लेकर खेती की थी। उन्होंने यह कर्ज फसल को बेचकर वापस करना था। इस साल उनकी फसल भी अच्छी थी, सबको लग रहा था 3 लाख रुपए का कर्ज चुकाने के बाद भी उनके पास कुछ रुपए बच जाएंगे। लेकिन आवारा पशुओं ने एक ही दिन में पूरी फसल बर्बाद कर दी और पुष्पेंद ने इस सदमे में आकर फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
प्रशासन ने अवैध संबंध बता रफादफा किया मामला
युवा किसान की आत्महत्या के मामले के तूल पकड़ने पर जब मीडिया ने प्रशासन से बात की तो उन्होंने इस घटना को अवैध संबंध बताकर टाल दिया। जब किसान के परिजनों को आर्थिक सहायता के संबंध में पूछा गया तो प्रधान व पूर्व ब्लाक प्रमुख अड्डू यादव ने बताया आर्थिक तंगी थी। बावजूद इसके प्रशासन किसान की मौत का मजाक बना रहा है। वहीं बुंदेलखंड किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष विमल शर्मा ने भी कहा कि आर्थिक तंगी के चलते किसान ने सुसाइड किया है।