पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के दामाद कैप्टन मोहम्मद सफदर की गिरफ्तारी से वहां की सियासत में बवाल हो गया है। दरअसल, सोमवार को कराची में हुई एक संयुक्त रैली के बाद नवाज शरीफ के दामाद सफदर को एक होटल से गिरफ्तार कर लिया गया, मगर बाद में बेल पर रिहा भी कर दिया गया। मगर इसे लेकर पाकिस्तान में ऐसा भूचाल आया कि अब पुलिस भी इमरान सरकार और सेना के खिलाफ मोर्चा खोल चुकी है। सफदर की गिरफ्तारी में पाकिस्तान में सेना के हस्तक्षेप के खिलाफ पुलिस खुलकर मैदान में है और आईजी समते ज्यादातर पुलिस वालों ने मास लीव के लिए अप्लाई किया है। हालांकि, अब मामला शांत कराने की कोशिश सेना की ओर से जारी है। नौबत यहां तक आ गई कि भारी विरोध को देखते हुए पाकिस्तानी सेना प्रमुख कमर जवाब बाजवा ने सफदर की गिरफ्तारी के मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं।
जीओ टीवी के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना के प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने मंगलवार को करांची पुलिस के कमांडर को आदेश दिया कि मोहम्मद सफदर की गिरफ्तारी क्यों और किन परिस्थितियों में हुई, इसकी जांच की जाए और जल्द से जल्द इसकी रिपोर्ट पेश की जाए। दरअसल, यह आदेश तब आया जब पीपीपी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और उन्होंने जनरल बाजवा और आईएसआई प्रमुख फैज हमीद को कैप्टन सफदर की गिरफ्तारी मामले की जांच करने की अपील की थी।
आईजी का अपहरण
जीओ टीवी के मुताबिक, सफदर की गिरफ्तारी के बाद से पाकिस्तान में बगावत सिंध पुलिस और सेना बीच जंग सा माहौल है। सफदर के खिलाफ पुलिस पर शिकायत दर्ज करने के लिए दबाव डाले जाने की खबरों को पर बिलावल ने कहा कि सिंध में हर पुलिस अधिकारी, एक स्टेशन हाउस ऑफिसर से लेकर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी तक सभी सोच रहे थे कि रविवार रात 2 बजे आईजी सिंध मुश्ताक महर के दफ्तर को किसने घेर लिया था? सिंध पुलिस का कहना है कि कैप्टन सफदर को जब गिरफ्तार किया गया, तब सिंध पुलिस के आईजी सिंध मुश्ताक महर को उनके दफ्तर में घेर लिया गया था। जिसके बाद ही कैप्टन सफदर की गिरफ्तार हुई। बताया जा रहा है कि सिंध सरकार को भी इस गिरफ्तारी की जानकारी नहीं थी।
सिंध की पीपीपी सरकार को भी भनक नहीं
विपक्षी नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने सफदर की गिरफ्तारी को गलत बताते हुए कहा कि उनकी गिरफ्तारी की जानकारी सिंध प्रांत की पीपीपी सरकार को भी नहीं थी। उन्होंने कहा कि सिंध पुलिस भी आश्चर्यचकित थी कि सोमवार तड़के आखिर वो कौन लोग थे, जिन्होंने सिंध पुलिस प्रमुख के घर को घेर रखा था और किसने सफदर की गिरफ्तारी का आदेश दिया।
पुलिस अधिकारियों का छुट्टी पर जाने का फैसला
इस घटना के बाद पुलिस में बगावत शुरू हो गई। पुलिस के अधिकारों का हनन करने का हवाला देते हुए आईजीपी मुश्ताक महर के छुट्टी पर जाने का ऐलान कर दिया। मुश्ताक महर के इस ऐलान के बाद सिंध के कई शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने छुट्टी का आवेदन दिया। उनका कहना है कि इस प्रकार की घटना सिंध प्रांत की पुलिस का मजाक उड़ाने वाली है। जिसमें उन्हें गिरफ्तारी की भनक भी नहीं लगी। बताया जा रहा है कि करीब 12 से 13 शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने लीव के लिए अप्लाई किया है। हालांकि, सिंध प्रांत के सरकार ने अधिकारियों से आवेदन वापस लेने की अपील की है।
क्या है मामला
दरअसल, पाकिस्तान के सिंध प्रांत की राजधानी कराची में 11 विपक्षी दलों के महागठबंधन ‘पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट’का 18 अक्टूबर को एक जलसा हुआ था। सफदर और उनकी पत्नी, पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष मरियम नवाज विपक्षी पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के इस जलसे में हिस्सा लेने के लिए शहर आए थे। उन्हें पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की मजार के प्रति असम्मान जताने के आरोप में होटल से गिरफ्तार किया गया। बाद में उन्हें जमानत पर छोड़ दिया गया। मरियम और पीएमएल-एन के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ सफदर वापस लाहौर चले गए लेकिन सिंध प्रांत में सत्तारूढ़ पीपीपी ने घटनाक्रम से खुद को अलग करते हुए हैरानी जताई कि सफदर की गिरफ्तारी का आदेश किसने दिया था।
नवाज का इमरान सरकार पर हमला
सिंध पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के छुट्टी पर जाने की बात पर नवाज शरीफ ने ट्वीट कर इमरान सरकार पर हमा बोला। उन्होंने ट्वीट किया, ‘कराची की घटना से इस विचार को बल मिलता है कि पाकिस्तान में राज्य से ऊपर राज्य है। आपने प्रांतीय सरकार को मिले जनमत का मजाक उड़ाया, परिवार की निजता को तार-तार कर दिया, अपने आदेश को मनवाने के लिए सीनियर पुलिस अधिकारी को अगवा किया। हमारी सेना की छवि खराब कर दी। आईजीपी का पत्र इस बात की तस्दीक करता है कि आपने संविधान को ताक पर रख दिया।’