सर्दी की बात करें तो एक चीज बहुत कॉमन है और वो है एलर्जी। सर्दियों में हम एक के ऊपर एक कपड़े पहनते हैं, जिसका मजा ही अलग है। लेकिन गर्मी से सर्दियों के कपड़ों पर आने में कई तरह की एलर्जी का सामना भी करना पड़ता है। कौन सी एलर्जी सर्दियों में कैसे नुकसान पंहुचा सकती है इसके बारे में बता रहे हैं डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. अमरजीत सिंह।
एलर्जी का अटैक
गर्म कपड़े सर्द हवाओं से तो बचाते हैं, लेकिन थोड़ी भी लापरवाही बरती गई तो स्किन में एलर्जी दे जाते हैं। गर्म कपड़े ड्राई स्किन, चकत्ते, खुजली, यहां तक कि छाले और सूजन भी पैदा कर सकते हैं। ऐसा अक्सर सही तरीके से इनकी देखभाल न करने की वजह से होता है। गंदे कपड़े, रजाई, टोपी और स्कार्फ पहनने की वजह से होता है। ज्यादातर लोग सर्दियों के कपड़ों में मॉथ बॉल्स का इस्तेमाल करते हैं, ताकि उसमें कीड़े न लगें। नेप्थलीन बॉल्स में केमिकल होता है, जो कपड़ों को बचाता है, लेकिन इन्हें बिना धोए पहनने से स्किन पर रिएक्शन हो सकता है।
पोलन या पराग एलर्जी
सर्दियों से जुड़ी स्किन एलर्जी को पराग यानी पोलन भी कहते हैं। पराग एलर्जी बॉडी में घर कर लेती है, जिसकी वजह से एक्ने और डर्मेटाइटिस के अलावा पूरी बॉडी में सूजन हो सकती है। मॉथ बॉल्स और पोलन के लगातार संपर्क में आने से स्किन का रंग पीला पड़ने लगता है। यही वजह है कि सर्दियों में स्किन बेजान, पीली और मुरझाई लगती है।
समस्या का समाधान
सर्दियों के कपड़ों को निकालने के बाद कम से कम एक दिन धूप में छोड़ दें।
पहनने से पहले जरूर धोएं, एंटी-एलर्जी और सॉफ्ट करने वाला डिटर्जेंट का इस्तेमाल करें।
पहनने से पहले सर्दियों के कपड़ों को धो लेने से केमिकल और बदबू खत्म हो जाती है।
कंफर्टर्ज़ और रजाइयों को भी धोएं और धूप में सुखाएं।
सनग्लासेस और हैट पहनकर चेहरे को पोलन से बचाएं।
पोलन यानी पराग से होने वाले नुकसान से बचने के लिए चेहरे पर स्किन प्रोडक्ट्स की लेयर लगाएं।
अच्छा सीरम, मॉइश्चराइजर और सनस्क्रीन जरूर लगाएं।
गर्म कपड़ों के अंदर हमेशा कॉटन के कपड़े की लेयर पहनें।
इससे वूल स्किन से सीधे तौर पर संपर्क में नहीं आएगा।
कपड़े पहनने से पहले पूरे बॉडी पर लोशन लगाएं।
बॉडी लोशन लगाने का बेस्ट समय है जब आप नहा के निकलते हैं।
अगर आपको एलर्जी आसानी से और लगातार होती रहती है, तो अपने डॉक्टर से जरूर सलाह करें। घर पर स्किन को शांत करने के लिए नारियल तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर जलन है तो स्किन को रगड़ें नहीं। केमिकल युक्त साबुन का इस्तेमाल न करें, प्राकृतिक साबुन ही चुनें। स्किन को सॉफ्ट और हेल्दी बनाए रखने के लिए नहाने के बाद ऑलिव ऑयल यानी जैतून के तेल से भी मालिश कर सकते हैं।
एलर्जी को न करें नजरअंदाज
सर्दियां शरू होते ही बॉडी शरीर रैशेज या चकत्ते उभर आते हैं, इचिंग होने लगती है। सर्दी-जुकाम के शिकार हो सकते हैं। इसका मतलब आप मौसमी एलर्जी से पीड़ित हैं…
सर्दियों के मौसम में एलर्जी होना नॉर्मल है। इस मौसम में बहुत सारे लोग अलग-अलग तरह की एलर्जी के शिकार हो जाते हैं। किसी को स्किन की प्रॉब्लम होती है तो किसी की आंखों में जलन होती है तो कोई सर्दी-जुकाम से पीड़ित होता है। अस्थमा के मरीजों के लिए सर्दी का मौसम बहुत ज्यादा ध्यान रखने वाला होता है, क्योंकि इस मौसम में हवा में धूल-मिट्टी की की वजह से फेफड़ों के इंफेक्शन का खतरा बहुत बढ़ जाता है। किसी भी किस्म की एलर्जी होने पर खुद से कोई दवा खाने की बजाय डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी हो जाता है।
अलर्ट रहें
सर्दियों के मौसम में डस्ट से एलर्जी है, तो इसे ठीक करने के लिए एंटीहिस्टामिनिक दवाएं देते हैं। जिन लोगों में यह समस्या लंबे समय से बनी रहती है, उन्हें ठीक करने के लिए एंटी एलर्जिक दवाओं या स्टेरॉयड और स्प्रे का प्रयोग किया जाता है। कई बार सर्दियों के मौसम में आंखों में एलर्जी हो जाती है। इससे पलकें सूखने लगती हैं और आंखों को तेजी से झपकाने लगते हैं। आमतौर पर इस समस्या से बच्चे ज्यादा पीड़ित होते हैं। अगर अस्थमा से पीड़ित हैं, तो खास खयाल रखें। सांस लेने में दिक्कत होती हो, तो डॉक्टर की सलाह पर इन्हेलर का इस्तेमाल करें, क्योंकि ठंड के मौसम में बॉडी सेल्स और सांस की नली सिकुड़ जाती है। इस कारण सांस लेने में दिक्कत होती है। सर्दियों में नॉर्मली एलर्जी नाक में होती है, जिसे नेजल ब्रॉन्कियल एलर्जी कहते हैं। ऐसे में नाक बहना, छींक आना, आंखों से पानी आना, गले में खराश होना, नाक में खुजली होने के साथ-साथ थकावट होती है।
जब हों स्किन एलर्जी से परेशान
सर्दी-जुकाम के अलावा सर्दियों के मौसम में त्चचा संबंधी एलर्जी की समस्याओं से भी जूझना पड़ता है। अक्सर शरीर पर लाल छोटे दाने या फिर चकत्ते-से उभर आते हैं। इनमें दर्द के साथ-साथ खुजली भी होती है। त्वचा संबंधी एलर्जी होने पर तुरंत त्वचा रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें, क्योंकि बहुत ज्यादा खुजली करने से त्वचा पर घाव बन सकते हैं। अगर आपको गरम कपड़ों से एलर्जी है, तो इस मौसम में उन से बने स्वेटर की बजाय अन्य गर्म कपड़े, जैसे स्वेट-शर्ट का इस्तेमाल करें। सीधे ऊनी कपड़े पहनने की बजाय उसके नीचे सूती कपड़े पहनें। नहाने से पहले पूरे शरीर पर सरसों या नारियल तेल से मालिश करें और नहाने के लिए मॉइस्चराइजर युक्त साबुन का इस्तेमाल करें। इस मौसम में होने वाली खुश्की से बचने के लिए नहाने के बाद पूरे शरीर पर मॉइस्चराइजर लगाएं।
क्या हैं कारण
सर्दियों के मौसम में धूल-मिट्टी के कणों, जानवरों के बालों, नमी की वजह से पनपने वाले कीटाणुओं और परफ्यूम के इस्तेमाल की वजह से किसी भी किस्म की एलर्जी के शिकार हो सकते हैं। वैसे तो ये सारी चीजें सालभर आसपास रहती हैं, लेकिन सर्दियों में ये ज्यादा एक्टिव हो जाती हैं। सर्दियों में लोग अपने घरों को बंद कर लेते हैं, ऊनी कपड़े पहनते हैं, रजाई और कंबल का इस्तेमाल करने के साथ-साथ बंद घरों में हीटर का इस्तेमाल करते हैं। इस वजह से स्किन एलर्जी के साथ सर्दी-जुकाम हो सकता है। घर के अंदर वेंटिलेशन की कमी होती है, एलर्जी फैलाने वाले बैक्टीरिया एक्टिव हो जाते हैं और नतीजा सर्दी-जुकाम, आंखों में जलन, स्किन इंफेक्शन हो जाता है।
एलर्जी फैलाने वाले बैक्टीरिया से सबसे ज्यादा परेशानी अस्थमा के मरीजों को होती है। सर्दियों में घर और खुद को गर्म रखने के लिए जिस दरी, कार्पेट, गरम कपड़े, रजाई और कंबल का इस्तेमाल करते हैं, उनसे एलर्जी पैदा करने वाले बैक्टीरिया बहुत तेजी से फैलते हैं। घर में पालतू जानवर हैं, तो सर्दियों के मौसम में एलर्जी का शिकार होने की आशंका काफी बढ़ जाती है। कुत्ते-बिल्ली जैसे पालतू जानवरों के बाल, लार, मल-मूत्र में भी बैक्टीरिया होते हैं, जो जूतों और कपड़ों के जरिए आप तक पहुंचते हैं और आप एलर्जी के शिकार हो सकते हैं हैं।
इन बातों का रखें ख्याल
सर्दियों के मौसम में भी सुबह घर के खिड़की-दरवाजे खोल कर रखें।
बंद घरों में धूप और हवा न आने से बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जो एक्जिमा का कारण बनते हैं।
सोफे, कालीन के साथ-साथ बच्चों के सॉफ्ट टॉयज की सफाई करें।
रूम हीटर का इस्तेमाल करते हैं, तो उसकी रोजाना सफाई करें।