दिल्ली में चार दिसंबर को होने वाले नगर निगम चुनाव के लिए प्रचार शुक्रवार को समाप्त हो गया। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के चुनाव प्रचार के दौरान आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई प्रमुख नेताओं ने ‘रोड शो’ किये। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन शुक्रवार को भाजपा नेताओं ने 200 से अधिक जनसभाएं और रोड शो किए, जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 400 व्यापारियों के साथ एक ‘टाउन हॉल’ जैसी बैठक की। भाजपा ने सड़क विक्रेताओं और फेरीवालों के साप्ताहिक बाजारों को नियमित करने की अपनी ‘‘प्रतिबद्धता” की भी घोषणा की। ‘आप’ और कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के दौरान मतदाताओं से कई वादे भी किए।
केजरीवाल और सिसोदिया सहित ‘आप’ के शीर्ष नेताओं ने शहरभर में जनसभाएं कीं और लोगों से पार्टी उम्मीदवारों को वोट देने का आग्रह किया। एमसीडी चुनावों के लिए प्रचार अभियान में भाजपा नेताओं ने केजरीवाल को ‘‘कट्टर बेईमान” करार दिया जबकि ‘आप’ ने भाजपा को ‘‘वीडियो बनाने वाली कंपनी” करार दिया। भाजपा 2007 से एमसीडी की सत्ता में है और चौथी बार सत्ता में आने की कोशिश कर रही है। भाजपा और ‘आप’ दोनों ने 250 उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि कांग्रेस केवल 247 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। पिछले कुछ हफ्तों में कई केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया और ‘आप’ पर निशाना साधा। हरदीप सिंह पुरी, पीयूष गोयल, अनुराग ठाकुर, मनोहर लाल खट्टर और पुष्कर सिंह धामी जैसे भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने प्रचार किया।
भाजपा पर पलटवार करते हुए, केजरीवाल ने कहा कि पार्टी ने अपने सात मुख्यमंत्रियों, एक उपमुख्यमंत्री और 17 केंद्रीय मंत्रियों को उनके जैसे ‘‘आम आदमी” पर हमला करने के लिए आमंत्रित किया। अपने प्रचार अभियान के तहत, ‘आप’ ने दिल्ली के गाजीपुर, ओखला और भलस्वा में तीन कूड़े के पहाड़ों (लैंडफिल) को हटाने में उनकी ‘‘विफलता” को लेकर कई बार भाजपा पर निशाना साधा। ‘आप’ और भाजपा दोनों ने विश्वास जताया है कि वे एमसीडी चुनावों में बहुमत के साथ जीत दर्ज करेंगे। जनता दल (यूनाइटेड), ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन, स्वराज इंडिया और बहुजन समाज पार्टी जैसी पार्टियां भी चुनाव मैदान में हैं। एमसीडी चुनाव के लिए मतगणना सात दिसंबर को होगी।