दिल्ली एम्स के नेटवर्क और डेटा पर हुए साइबर अटैक के बाद मंगलवार को एम्स ने बयान जारी किया है। एम्स प्रशासन के अनुसार, ई-अस्पताल का डेटा सर्वर पर बहाल कर दिया गया है। सेवाओं को बहाल करने से पहले नेटवर्क को सैनिटाइज किया जा रहा है। अस्पताल सेवाओं के लिए डेटा वॉल्यूम और बड़ी संख्या में सर्वर/ कंप्यूटर के कारण प्रक्रिया में कुछ समय लग रहा है। साइबर सुरक्षा के लिए उपाय भी किए जा रहे हैं। आउटपेशेंट इन-पेशेंट, लैब समेत सभी अस्पताल सेवाएं मैनुअल मोड पर चलती रहेंगी।
200 करोड़ की मांगी थी फिरौती
बता दें एक दिन पहले ही खबर सामने आई थी कि दिल्ली के एम्स में सर्वर हैक करने के बाद हैकर्स ने 200 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी। फिरौती की यह रकम भी क्रिप्टो करेंसी में मांगी गई।हालांकि जांच एजेंसियां फिलहाल इस मामले में अधिक खुलासा नहीं कर रहीं और इस बारे में जानकारी होने या एम्स की तरफ से शिकायत मिलने से इन्कार किया गया है। इससे पहले मामले में दिल्ली पुलिस ने मामले में आईपीसी की धारा 385 में मामला दर्ज किया है। इस धारा में करीब दो साल तक की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकता है। वहीं, इसके साथ आईटी का सेक्शन 66 भी लगाया गया है। इसमें कम्प्यूटर संबंधी अपराध शामिल होता है। इसकी सजा तीन वर्ष तक और पांच लाख तक जुर्माना या दोनों हो सकता है।
बता दें कि 23 नवंबर को करीब 11-12 घंटे तक एम्स का सर्वर डाउन रहा था, उसके बाद एम्स के सिक्योरिटी ऑफिसर की शिकायत पर केस दर्ज किया गया। बड़ी बात ये है कि एम्स दिल्ली के सर्वर पर देश की सभी बड़ी और नामचीन हस्तियों के मेडिकल रिकॉर्ड और अन्य जानकारियां हैं।. इसमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और कई अन्य मंत्रियों का डेटा शामिल है।