भतीजे अखिलेश यादव का हाथ थामने के बाद चाचा शिवपाल यादव पर संकट के बादल मंडराने लगा है। पहले शिवपाल की सुरक्षा ‘जेड श्रेणी’ से घटाकर ‘वाई श्रेणी’ कर दी गई है। अब CBI ने सरकार से गोमती रिवर फ्रंट मामले से जुड़ी जांच पड़ताल करने के लिए मंजूरी मांगी है। यह साफ तौर पर देखा जा रहा है कि सपा का समर्थन करने के बाद ही शिवपाल को लेकर सरकार में हलचल होना शुरू हो गया है।
आपको बता दें कि शिवपाल सिंह यादव की सुरक्षा ‘जेड श्रेणी’ से घटाकर ‘वाई श्रेणी’ किये जाने के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया है। शिवपाल सिंह यादव की सुरक्षा श्रेणी कम किये जाने के बाद मंगलवार को सपा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, ‘‘मैनपुरी के चुनाव में मतदान के पूर्व श्री शिवपाल सिंह यादव जी की सुरक्षा कम करना और रिवर फ्रंट की जांच का बंद पिटारा फिर से खोलना मैनपुरी में भाजपा की शर्मनाक हार और सत्ता के दुरुपयोग का स्पष्ट उदाहरण और चित्रण है, लेकिन भाजपा सत्ता के बल पर गुंडागर्दी ज्यादा दिन नहीं कर पाएगी।”
इससे पहले सोमवार की रात सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव की सुरक्षा श्रेणी को कम किये जाने को आपत्तिजनक बताया था जिस पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने पलटवार करते हुए कहा कि शिवपाल सिंह यादव को भतीजे अखिलेश यादव और सपा के अपराधियों से खतरा था अब दोनों (चाचा-भतीजा) में मिलाप हो गया है तो सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा टल गया है। राज्य सरकार का शिवपाल की सुरक्षा में कटौती का फैसला शिवपाल और अखिलेश के बीच मतभेद समाप्त होने और एक बार फिर हाथ मिलाने के बाद सामने आया है।