पंचायती चुनाव भले ही खत्म हो गए हों, लेकिन चुनावी रंजिश अभी भी खत्म नहीं हुई है। जिले के गांव बडेसरा में मोटरसाइकिल सवार तीन युवकों ने नवनिर्वाचित सरपंच के दो भतीजों को गोलियों से छलनी कर दिया। इनमें से 50 वर्षीय महेंद्र की मौके पर मौत हो गई, जबकि दूसरा व्यक्ति अजीत भी जिंदगी व मौत के बीच जूझ रहा है। गोलीकांड को अंजाम देने का आरोप गांव के ही दूसरे गुट के लोगों पर लगा है। सरपंच के भतीजों को गोली मारने वाले युवकों ने धमकी देते हुए कहा कि वे सरपंच को सरपंची नहीं करने देंगे। वहीं इस घटनाक्रम के बाद ग्रामीणों सरपंच को सुरक्षा देने की मांग की है।
सरपंच के परिवार को सता रहा जान का खतरा, पुलिस सुरक्षा की मांग की
मृतक के चाचा राज सिंह ने कहा कि चुनावी रंजिश के चलते ही यह हत्या की गई है। उन्होंने कहा कि जब तक उनके परिवार को सुरक्षा नहीं दी जाएगी, तब तक वे मृतक महेंद्र के शव का संस्कार नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हत्या को एक दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। वहीं एसएचओ संदीप शर्मा ने कहा कि परिजनों की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि पीड़ित पक्ष ने अपनी शिकायत में इस हत्या का कारण चुनावी रंजिश के बताया है। उन्होंने कहा कि मामले में विभिन्न पहलुओं पर जांच की जा रही है।