गाजियाबाद के मोदीनगर की छात्रा से दुष्कर्म के आरोप में जेल में बंद आरोपी द्वारा कचहरी की हवालात के अंदर वीडियो कॉल करने के मामले में तीन पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है। ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में एसएसपी ने बंदी निगरानी ड्यूटी पर तैनात दो हेड कॉन्स्टेबल और एक कॉन्स्टेबल को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही तीनों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं।
मोदीनगर निवासी छात्रा ने पिछले साल थाना रमाला, बागपत के गांव कंडेरा निवासी विशु तोमर के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज कराया था। साथ ही उसकी पत्नी, मां और अन्य रिश्तेदारों को भी आरोपी बनाया है। इस मामले में विशु करीब नौ महीने से गाजियाबाद की डासना जेल में बंद है। हाल ही में उसका एक वीडियो वायरल हुआ, जिस पर डासना जेल लिखा हुआ था। मामला संज्ञान में आने पर पुलिस और जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया।
जेल अधीक्षक आलोक सिंह ने जांच की तो सामने आया कि यह वीडियो जेल का नहीं, बल्कि कचहरी परिसर स्थित पुलिस लॉकअप का है। एसएसपी ने मामले की जांच एसपी ग्रामीण डॉ. ईरज राजा को सौंपी थी। एसपी ग्रामीण ने जांच में पाया कि 21 अक्टूबर को विशु तोमर कचहरी में पेशी पर आया था। उस दिन सदर हवालात पर हेड कॉन्स्टेबल फिरोज मेहंदी, ऋषि कुमार तथा कॉन्स्टेबल सरफराज की निगरानी ड्यूटी लगी थी। तीनों की मौजूदगी में विशु ने मोबाइल का इस्तेमाल कर अपने दोस्त रौनक से इंस्टाग्राम पर वीडियो कॉल की थी। इस घटना में तीनों पुलिसकर्मियों की लापरवाही दर्शाते हुए एसएसपी को रिपोर्ट भेजी गई, जिसके आधार पर तीनों को सस्पेंड कर दिया गया।
मोबाइल किसका था, आईपी एड़्रेस से खुलेगा राज
एसपी ग्रामीण का कहना है कि तीनों पुलिसकर्मियों ने रेप के आरोपी को हवालात में मोबाइल न देने की बात कही है। वहीं, विशु ने भी किसी व्यक्ति से मोबाइल लेकर वीडियो कॉल करने की बात कही। इसी के चलते अभी तक यह पता नहीं लग सका है कि मोबाइल फोन किसका था और उसे हवालात में विशु तक किसने पहुंचाया था। मोबाइल ट्रेस करने के लिए विशु के दोस्त को कब्जे में लेने के बाद आईपी एड्रेस का पता लगाया जाएगा।