दिल्लीवालों को अगले तीन दिनों तक दमघोंटू हवा में सांस लेना पड़ेगा। इस दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब से गंभीर श्रेणी में रहने की आशंका है। रविवार सुबह कई हिस्सों में स्मॉग देखने को मिला, जबकि शाम से ही प्रदूषण की परत छाने लगी। कुछ निगरानी केंद्र ऐसे भी हैं, जहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 अंक के पार है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, रविवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 357 रहा। एक दिन पहले शनिवार को यह सूचकांक 397 के अंक पर था यानी चौबीस घंटे के भीतर इसमें 40 अंकों का सुधार हुआ है।
पराली का प्रदूषण 26 फीसदी
हवा में पराली के प्रदूषण की हिस्सेदारी बढ़ती जा रही है। सफर के मुताबिक, रविवार को हवा में पराली के प्रदूषण की हिस्सेदारी 26 फीसदी तक रही। यह हिस्सेदारी शनिवार को 21 फीसदी थी। पंजाब और हरियाणा के खेतों में पराली जलाने की घटनाओं में तेजी के साथ ही इसका असर दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर भी देखने को मिल रहा है। वहीं, मौसम निगरानी संस्था स्काईमेट के विशेषज्ञ महेश पालावत का कहना है कि इस समय दिल्ली की हवा में सुबह के समय स्मॉग बन रहा है। दिन में भी प्रदूषण की परत साफ देखी जा रही है। अगले तीन दिनों के बीच स्थिति खराब ही रहेगी।
यहां की हवा सबसे खराब
आनंद विहार- 450
विवेक विहार- 404
एनएसआईटी द्वारका- 398
जहांगीरपुरी- 397
वजीरपुर- 394
13 हॉटस्पॉट पर पानी का छिड़काव शुरू
दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) ने रविवार को कहा कि उसने शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण से निपटने के लिए 13 हॉटस्पॉट पर पानी का छिड़काव शुरू कर दिया है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता रविवार को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई और कुछ इलाकों में ‘गंभीर’ श्रेणी तक पहुंचने के बाद दमकल विभाग ने यह कदम उठाया है। पूर्वानुमानकर्ताओं ने कहा कि हवा की धीमी गति और पराली जलाने में वृद्धि इसे और खराब कर सकती है।
अधिकारियों ने कहा कि प्रदूषण पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से पानी के छिड़काव के लिए प्रत्येक स्थान पर चार-सदस्यीय दल के साथ एक दमकल तैनात किया गया है। डीएफएस के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि उच्च प्रदूषण स्तर के कारण, दिल्ली अग्निशमन सेवा को राजधानी के हॉटस्पॉट क्षेत्र में या उसके आसपास पानी का छिड़काव करने के लिए कहा गया है।