उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सीएमओ कार्यालय में एक युवक सौरभ त्रिपाठी ने खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आत्मदाह का प्रयास किया। युवक की इस हरकत से कार्यालय में अफरा-तफरी मच गई। मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने किसी तरह सौरभ को रोका। जानकारी के मुताबिक सौरभ के जीजा प्रदीप पांडेय का पिछले दिनों झलवा के ग्लोबल अस्पताल में उपचार चल रहा था। 12 अक्तूबर को डेंगू पीड़ित प्रदीप को यहां भर्ती कराया गया। प्रदीप की प्लेटलेट्स लगभग काफी कम आ गई थी। इसी बीच अस्पताल स्टाफ ने उसे प्लेटलेट्स लाने का ऑफर दिया। सौरभ से 25 हजार लिए और पांच यूनिट प्लेटलेट्स दी। चार यूनिट प्लेटलेट्स चढ़ने के बाद प्रदीप की हालत खराब हो गई।
इस पर ग्लोबल अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे दूसरी जगह रेफर किया। जहां 19 अक्तूबर को प्रदीप की मौत हो गई। प्रदीप की मौत के बाद जब मामला प्रकाश में आया तो जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी। जांच समिति ने अस्पताल प्रशासन की लापरवाही पाई। साथ ही प्लेटलेट्स को खराब पाया। प्रदीप को बिना जांच कई एंटीबायोटिक देने का मामला भी सामने आया। जिसके बाद अस्पताल का पंजीकरण हमेशा के लिए निरस्त कर दिया गया, लेकिन अब तक ग्लोबल अस्पताल के संचालक की गिरफ्तारी नहीं हो सकी। इसी से नाराज परिजन शनिवार को सीएमओ कार्यालय पहुंचे और डॉक्टरों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे।
प्रदीप की पत्नी वैष्णवी ने आरोप लगाया कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग जान बूझकर अस्पताल संचालक की गिरफ्तारी नहीं करा रहा है। सीएमओ से बातचीत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद प्रदीप के साले सौरभ त्रिपाठी ने अपने ऊपर पेट्रोल छिड़क लिया और आत्मदाह का प्रयास किया। धरने के कारण पुलिस बल और तमाम लोग मौजूद थे। सभी ने संयुक्त प्रयास से सौरभ को रोका। वहीं एक अन्य पीड़ित राजकुमार ने भी इसी अस्पताल में उपचार के दौरान उसकी पत्नी की मौत का भी आरोप लगाया है।