दिल्ली की एक अदालत ने पिछले साल गैंगस्टर अंकित गुर्जर की मौत से जुड़े मामले में तिहाड़ जेल के पूर्व उपाधीक्षक नरेंद्र मीणा समेत अन्य जेल अधिकारियों के खिलाफ दाखिल आरोपपत्र पर संज्ञान लिया है। मामले में सीबीआई ने कहा कि छानबीन के दौरान खून के दाग वाली जो लाठियां जेल से बरामद की गई थीं उसके नमूने कैदी अंकित गुर्जर की डीएनए प्रोफाइल से मैच पाए गए हैं। इस पर अदालत का कहना है कि आरोपियों के खिलाफ उपलब्ध सामग्री पहली नजर में के चलाने के लिए पर्याप्त है।
केस चलाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य
मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अंजनि महाजन ने अपने 28 अक्टूबर के आदेश में कहा कि आरोपपत्र और संलग्न दस्तावेजों को देखने से पता चलता है कि आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ लगाए गए आरोप और उपलब्ध साक्ष्य पहली नजर में मामले में आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त है। मालूम हो कि इस केस के आरोपी तत्कालीन सहायक अधीक्षक दीपक डाबास और राम अवतार मीणा, हेड वार्डर दिनेश चिकारा और वार्डर हरफूल मीणा एवं विनोद मीणा समेत नरेंद्र मीणा फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
नहीं उपलब्ध कराई गई चिकित्सा सुविधा
मालूम हो कि आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के मुताबिक आरोपियों ने अंकित गुर्जर (29) और दो अन्य बंदियों गुरजीत और गुरप्रीत की लात और पॉलीकार्बोनेट ‘लाठी’ से निर्ममतापूर्वक पिटाई की थी। जांच एजेंसी (Central Bureau of Investigation, CBI) ने कहा कि इसके बाद अंकित गुर्जर को उचित चिकित्सकीय देखरेख की सुविधा नहीं उपलब्ध कराई गई जिसके कारण उसकी चार अगस्त, 2021 को मौत हो गई।
लाठियों पर बरामद नमूने कर गए मैच
वहीं केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई (Central Bureau of Investigation, CBI) ने कहा कि जांच के दौरान खून के दाग वाली सात लाठियां जेल से बरामद की गईं। लाठियों पर बरामद नमूनों का फोरेंसिक परीक्षण किया गया। जांच की एफएसएल रिपोर्ट के मुताबिक दो पॉलीकार्बोनेट लाठियों पर जुटाए गए नमूनों से तैयार की गई डीएनए प्रोफाइल कैदी अंकित गुर्जर (Ankit Gujjar), गुरजीत और गुरप्रीत की मिस्रित डीएनए प्रोफाइल से मेल खाती पाई गई।