गाजीपुर के करंडा थाना क्षेत्र में शुक्रवार को छठ पूजा के लिए गंगा घाट पर वेदी बनाने गए चाचा-भतीजा की डूबने से मौत हो गई। गोताखोरों ने दोनों का शव बरामद कर लिया है। दोनों चाचा भतीजा बेदी बनाने के बाद गंगा किनारे गहराई नापने लगे थे। इसी दौरान पहले भतीजा फिर उसे बचाने में चाचा की जान चली गई।
गोशंदेपुर निवासी सुजीत गिरी (27) पुत्र स्व. सुभाष गिरी अपने भतीजे ओम गिरी (14) पुत्र संजय गिरी के साथ शुक्रवार सुबह सात बजे छठ पूजा के लिए वेदी बनाने गए थे। दोनों के साथ हिमांशु भी गंगा घाट पर गया था। बताया जा रहा है कि घाट के सामने रेत ज्यादा होने के कारण गंगा तीन धाराओं में बंटी हुई है।
पहली धारा में पानी कम होने की वजह से तीनों पैदल ही पार कर दूसरे किनारे पर वेदी बनाने पहुंच गए। वेदी बनाने के बाद तीनों ने स्नान किया और बाहर आ गए। बाद में ओम वेदी के पास नदी में पानी का अंदाजा लगाने के लिए गया लेकिन वहां ज्यादा गहराई होने के कारण डूबने लगा। ओम को बचाने के लिए चाचा सुजीत भी गंगा में कूद गया। लेकिन, दोनों डूब गए।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने गोताखारों और स्थानीय लोगों की मदद से दोनों की तलाश शुरू की। काफी प्रयास के बाद करीब सवा ग्यारह बजे सुजीत व ओम गिरी का शव नदी से बरामद हुआ। एसओ सम्पूर्णानंद राय ने बताया कि शव को कब्जे में लेते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
पानी का अंदाजा लगाकर आता हूं
बताया जा रहा है कि वेदी बनाकर बाहर आने के बाद ओम फिर से गंगा में उतर गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ओम ने चाचा सुजीत से कहा कि गंगा में बेदी के पास कितना पानी है, इसका अंदाजा लगाकर आता हूं। जैसे ही ओम गंगा में थोड़ा आगे गया, गहराई में चला गया डूबने लगा।
भतीजे को बचाने में चाचा की भी गई जान
भतीजे ओम को डूबता देख चाचा सुजीत भी पानी में कूद गया। लेकिन वहा ज्यादा गहराई ओैर तेज बहाव होने के कारण दोनों डूबने-उतराने लगे। वहीं हिमांशु भी दोनों को बचाने के लिए पानी में कूदा। वहीं घाट किनारे वेदी बनाने में जुटी महिलाओं ने भी दोनों को बचाने की कोशिश की। लेकिन, देर हो चुकी थी। दोनों डूब गए। हिमांशु किसी तरह पानी से बाहर निकला। इसके बाद हिमांशु ने परिजनों को फोन से घटना की जानकारी परिवार सहित अन्य लोगों को दी।